Fact Check: आंगनवाड़ी वर्करों पर पुलिस लाठीचार्ज का यह वीडियो दिल्ली का नहीं झारखंड का पुराना मामला है

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Fact Check: आंगनवाड़ी वर्करों पर पुलिस लाठीचार्ज का यह वीडियो दिल्ली का नहीं झारखंड का पुराना मामला है
Published : Oct 10, 2023, 2:05 pm IST
Updated : Oct 10, 2023, 2:05 pm IST
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Fact Check: This video of police lathicharge on Anganwadi workers is an old case of Jharkhand, not Delhi.
Fact Check: This video of police lathicharge on Anganwadi workers is an old case of Jharkhand, not Delhi.

वायरल यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 4 साल पुराना है।

RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर पुलिस बर्बरता का एक वीडियो वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रही आंगनवाड़ी वर्करों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है।

X अकाउंट विशाल कुमार ने वायरल वीडियो को साझा करते हुए लिखा, "दिल्ली जंतर-मंतर पर अनशन के दौरान दलित महिला को पीट रहे, दरोगा को इतना सेअर करै जिससे,, इसको कड़ी से कड़ी सजा मिले साथ ही इस दरोगा  को नौकरी से टर्मिनेट किया जाना चाहिए ।।"

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 4 साल पुराना है। यह मामला रांची का था जब आंगनवाड़ी महिला वर्कर्स ने सीएम आवास का घेराव किया था और उस दौरान मामला उग्र होने पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था। 

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो के कीफ्रेम्स निकाल कर उनपर रिवर्स इमेज सर्च किया। 

वायरल मामला दिल्ली का नहीं है

हमें यह वीडियो Youtube पर WU Live द्वारा 25 सितंबर 2019 को साझा किया गया मिला। अकाउंट ने यह वीडियो साझा करते हुए सिरलेख लिखा, "पुलिस का आला अधिकारी ही टूट पड़ा Anganwadi वर्कर्स पर, हाथ टूटा/ workers protest"

इस वीडियो को साझा करते हुए डिस्क्रिप्शन लिखा गया, "मंगलवार को रांची में आंगनवाड़ी महिला वर्कर्स ने सीएम आवास का घेराव किया। ये लोग स्थायी करने समेत 9 मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण था लेकिन तभी एक महिला वर्कर उग्र हो गई। उसे समझाने बुझाने की बजाय खुद पुलिस का आला अधिकारी लाठियों से पीटने लगा। बर्बर पुलिसिया लाठीचार्ज में दर्जनों महिलाएं जख़्मी हो गईं जबकि पुलिस की लाठी से एक वर्कर का हाथ टूट गया।"

अब हमने इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए कीवर्ड सर्च के जरिए खबरें ढूंढनी शुरू की। 

मीडिया हॉउस दैनिक जागरण की 24 सितंबर 2019 की खबर के अनुसार, "स्थायीकरण और मानदेय में बढ़ोतरी समेत नौ सूत्री मांगों को लेकर सीएम आवास घेरने जा रही सेविकाओं-सहायिकाओं की भीड़ को नियंत्रित करने के क्रम में पुलिस को मंगलवार को राजभवन के समीप लाठीचार्ज करनी पड़ी। इस घटनाक्रम में तकरीबन दर्जन भर सेविकाएं-सहायिकाएं चोटिल हो गईं। इनमें से रांची सदर की सेविका बसंती देवी का जहां हाथ टूट गया, वहीं हातमा सेंटर की सेविका करमी लकड़ा को गंभीर चोट आई है।"

मतलब साफ़ था कि यह वायरल वीडियो हालिया नहीं है और दिल्ली का भी नहीं है।

निष्कर्ष: रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो हालिया नहीं बल्कि 4 साल पुराना है। यह मामला रांची का था जब आंगनवाड़ी महिला वर्कर्स ने सीएम आवास का घेराव किया था और उस दौरान मामला उग्र होने पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था।

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ROZANASPOKESMAN

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