रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर एडिटेड है।
RSFC (Team Mohali)- 7 नवंबर को हुए अफगानिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया लीग मैच में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल ने 201 रन की बेहतरीन पारी खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई, जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में जगह बना ली। अब इस मैच के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें ग्लेन मैक्सवेल को पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के पैर छूते देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान को हराने के बाद मैक्सवेल ने सचिन तेंदुलकर के पैर छुए।
फेसबुक यूज़र "Tvs Pandit" ने 10 नवंबर 2023 को वायरल तस्वीर साझा की और लिखा, "एक सनातनी दुनिया में जहां भी जाएगा अपने साथ सभ्यता, अच्छा आचरण और नैतिकता लेकर जाएगा। सम्भवतः मैक्सवेल की पत्नी इसका कारण हो कि अफगानिस्तान के विरुद्ध कालजयी पारी खेलने के बाद मैक्सवेल ने तेंदुलकर के पैर छुए। कभी तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया में सर डॉन ब्रैडमैन के पैर छुए थे।"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर एडिटेड है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस मामले पर कीवर्ड सर्च किया। आपको बता दें कि अगर ग्लेन मैक्सवेल ने सचिन तेंदुलकर के पैर छुए होते तो वो खबर हेडलाइन का रूप ले लेती, लेकिन वायरल दावे के संबंध में हमें कोई आधिकारिक खबर नहीं मिली।
हालाँकि, हमें एक वीडियो मिला जिसे ICC द्वारा साझा किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि अफगानिस्तान की टीम मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर से मिली थी। इस वीडियो में सचिन तेंदुलकर और अफगानिस्तान टीम के बीच मुलाकात के पलों को देखा जा सकता है।
इस वीडियो में गौर करने वाली बात ये थी कि सचिन तेंदुलकर ने वायरल तस्वीर वाले कपड़े पहने हुए हैं। सचिन ने धारीदार टी-शर्ट पहनी हुई है और वायरल तस्वीर में भी वही टी-शर्ट देखी जा सकती है।
अब हमने इस मामले की खोज ओर बढ़ाई और हमें इमेज स्टॉक वेबसाइट Getty Images पर सचिन की तस्वीर मिली जो बिल्कुल वायरल तस्वीर जैसी ही थी। इस तस्वीर में अंतर यह था कि सचिन इसमें अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के एक सदस्य से हाथ मिला रहे थे और ग्लेन मैक्सवेल इसमें नहीं थे।
नीचे दिए गए कोलाज में वायरल तस्वीर और असल तस्वीर के बीच समानताएं देखी जा सकती हैं।
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर एडिटेड है।