मेस्सी को खेलते देखने के लिये केरल से ‘एसयूवी’ में कतर पहुंची पांच बच्चों की मां

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मेस्सी को खेलते देखने के लिये केरल से ‘एसयूवी’ में कतर पहुंची पांच बच्चों की मां
Published : Nov 26, 2022, 5:09 pm IST
Updated : Nov 26, 2022, 5:09 pm IST
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Mother of five children reached Qatar in 'SUV' from Kerala to watch Messi play
Mother of five children reached Qatar in 'SUV' from Kerala to watch Messi play

। स्टार फुटबॉलर लियोनल मेस्सी की मुरीद केरल की एक महिला इस स्टार और अपनी पंसदीदा टीम अर्जेंटीना को खेलते देखने के लिये अकेले ....

दुबई  : फीफा विश्व कप का खुमार सिर्फ मेजबान कतर तक ही सीमित नहीं है बल्कि भारत में भी यह सिर चढ़कर बोल रहा है। स्टार फुटबॉलर लियोनल मेस्सी की मुरीद केरल की एक महिला इस स्टार और अपनी पंसदीदा टीम अर्जेंटीना को खेलते देखने के लिये अकेले अपनी ‘कस्टमाइज्ड एसयूवी’ से कतर पहुंच गयीं।

‘खलीज टाइम्स’ अखबार की खबर के अनुसार पांच बच्चों की मां नाजी नौशी ने केरल से 15 अक्टूबर को खाड़ी देशों की यात्रा शुरू की और संयुक्त अरब अमीरात पहुंची।

तैंतीस साल की नौशी अपने ‘हीरो’ मेस्सी और अर्जेंटीना को विश्व कप में खेलते हुए देखना चाहती थीं। हालांकि वह सऊदी अरब से अर्जेंटीना को मिली हार से टूट गयीं लेकिन अब भी अगले मैच में अपनी पसंदीदा टीम की जीत की उम्मीद लगाये हैं।

अखबार ने उनके हवाले से कहा, ‘‘मैं अपने ‘हीरो’ लियोनल मेस्सी को खेलते हुए देखना चाहती हूं। सऊदी अरब से मिली हार मेरे लिये निराशाजनक थी लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि यह ट्राफी जीतने की राह में छोटी सी बाधा होगी। ’’

नौशी ने पहले अपनी ‘एसयूवी’ को मुंबई से ओमान पहुंचाया। और संयोग से यह दायें हाथ की ओर ‘स्टीयरिंग’ वाली गाड़ी देश में भेजी जाने वाली पहली भारतीय पंजीकृत कार है।

उन्होंने मस्कट से अपनी यात्रा शुरू की और हाटा बॉर्डर से अपनी एसयूवी में यूएई पहुंची। इस दौरान वह दुबई में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा देखने भी रूकीं।

इस एसयूवी में अंदर ही ‘रसोई’ है और इसकी छत पर एक टेंट जुड़ा हुआ है। नौशी ने कार का नाम ‘ऊलू’ रखा हुआ है जिसका मलयालम भाषा में अर्थ ‘शी’ (महिला) होता है। नौशी ने कार में चावल, पानी, आटा, मसाले और अन्य सूखी चीजें रखी हुई हैं।

उन्होंने अखबार से कहा, ‘‘मैं खुद ही खाना बनाने की कोशिश करती हूं। इससे निश्चित रूप से पैसा बचता है और ‘फूड प्वाजनिंग’ का भी जोखिम कम रहता है। ’’

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ROZANASPOKESMAN

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