अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा मंगलवार को विश्वकप का कार्यक्रम घोषित किया गया।
New Delhi: विपक्ष के कुछ नेताओं ने एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप का कार्यक्रम घोषित होने के बाद अहमदाबाद में कई प्रमुख मुकाबलों के आयोजन के फैसले को लेकर मंगलवार को सवाल खड़े किए और इशारो-इशारों में यह भी कहा कि इस पूरे कार्यक्रम को तय करने में राजनीतिक हस्तक्षेप की झलक मिलती है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा मंगलवार को विश्वकप का कार्यक्रम घोषित किया गया। इस वर्ल्ड कप का आयोजन 5 अक्टूबर से 19 नवंबर के बीच होगा. यह पूरा टूर्नामेंट 46 दिनों का होगा। विश्व कप के मैच हैदराबाद, अहमदाबाद, धर्मशाला, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ, पुणे, बेंगलुरू,मुंबई और कोलकाता में होंगे। गुवाहाटी और तिरूवनंतपुरम के अलावा हैदराबाद में 29 सितंबर से तीन अक्टूबर तक अभ्यास मैच खेले जायेंगे ।वर्ल्ड कप का आगाज 5 अक्टूबर को अहमदाबाद में इंग्लैंड और पिछले बार की रनरअप न्यूजीलैंड के बीच मैच से होगा. वहीं भारतीय टीम अपना पहला मुकाबला 8 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में खेलेगी.
इस बीच विपक्षी नेताओं ने वर्ल्ड कप के शेड्यूल जारी होने के बाद प्रतिक्रिया दी,.जिसमें वो काफी नाराज दिखें ...
कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने विश्व कप के किसी मुकाबले का आयोजन उनके शहर में नहीं होने पर आपत्ति जताई।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यह देखकर निराशा हुई कि तिरुवनंतपुरम विश्वकप की कार्यक्रम सूची में नहीं है, जबकि बहुत सारे लोग इसके क्रिकेट स्टेडियम के सर्वश्रेष्ठ स्टेडियम के रूप में सराहते हैं। अहमदाबाद देश में क्रिकेट की राजधानी बन रहा है, लेकिन केरल के हिस्से में कोई मैच नहीं आया है।’’
पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हायर ने विश्वकप मुकाबले की मेजबानी करने वाले शहरों में मोहाली को शामिल नहीं किए जाने की निंदा की।
उन्होंने दावा किया कि मेजबान शहरों का चयन राजनीति कारणों से प्रेरित है। हायर के मुताबिक, राज्य सरकार ‘भेदभाव’ के इस मुद्दे को उचित स्तर पर उठाएगी।
उनका कहना है कि मोहाली क्रिकेट स्टेडियम 1996 और 2011 के विश्व कप के कुछ प्रमुख मुकाबलों का गवाह रहा है, लेकिन इस बार इसे एक भी मैच की मेजबानी का मौका नहीं दिया गया। पंजाब के मंत्री ने ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ का आरोप लगाया और तंज कसते हुए कहा, ‘‘सब जानते हैं कि बीसीसीआई की अगुवाई कौन कर रहा है।’’