राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 9 सालों में केंद्र की सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा के पास जनता को बताने के लिए कुछ भी नहीं है।
Patna: जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज कहा कि भाजपा देश में अस्थिरता के माहौल को बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा विरोधियों को दबाकर तानाशाही राजनीति कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नागालैंड में जदयू विधायक द्वारा भाजपा गठबंधन को समर्थन पत्र दिए जाने पर कहा कि जदयू किसी भी रूप में भाजपा को सहयोग नहीं करेगी। नागालैंड की राज्य इकाई द्वारा लिया गया फैसला पूरी तरह से पार्टी के अनुशासन के खिलाफ है और इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी की राष्ट्रीय इकाई ने नागालैंड प्रदेश इकाई को भंग करने का फैसला लिया है।
ललन सिंह ने भाजपा पर क्षेत्रीय पार्टियों को दबाने और केंद्रीय इकाइयों की मदद से उन्हें तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में भी जदयू के साथ इसी तरह का रवैया अपनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस तरह के अनैतिक और तानाशाही कदम पूरे देश में उठाने का काम कर रही है।महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश इसका ताजा उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने बिहार में भी हमारी पार्टी को तोड़ने की साजिश रची थी परंतु हमारी पार्टी ने समय रहते उनके षडयंत्र को भांप लिया, इसीलिए हमने उनसे गठबंधन तोड़ लिया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 9 सालों में केंद्र की सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा के पास जनता को बताने के लिए कुछ भी नहीं है। इनके नेता हर भाषण में मात्र दो योजनाओं की चर्चा करते हैं, उज्ज्वला और आयुष्मान भारत योजना। परंतु इन दोनों योजनाओं की क्या स्थिति है, ये भारत के हर व्यक्ति को पता है। उन्होंने पूछा कि आज एक घरेलू गैस सिलिंडर की जो कीमत है, उसे भारत का गरीब आदमी कैसे वहन कर पाएगा? इसका जवाब भाजपा के नेताओं को देना चाहिए। आयुष्मान भारत योजना से कितने गरीबों को अब तक लाभ मिल पाया है, इसका आंकड़ा क्यों नहीं उपलब्ध है ? इनकी ये दोनों योजनाएं भी फेल हैं।
जदयू अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने के अलावे और कोई काम किया हो तो बताए? आने वाले 2024 के चुनाव में भी भाजपा सकारात्मक बात पर वोट नहीं मांगेगी। भाजपा के नेताओं ने तय कर लिया है कि अपने पालतू तोतों का इस्तेमाल कर बस विरोधियों की आवाज दबाई जाए और वे इसी काम में जुटे हैं।