मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
Chandigarh News: चंडीगढ़ जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुणवीर वशिष्ठ की अदालत ने हत्या के आरोपी गुरुदत्त मिश्रा (37) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट ने मुख्य रूप से परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर भरोसा किया है, क्योंकि मुख्य गवाह ने अपनी गवाही से वापस लेने की कोशिश में थी.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चश्मदीदों को प्रभावित किया जा सकता है, लेकिन वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य साक्ष्य कभी झूठ नहीं बोलते. मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
विस्तृत फैसले में कोर्ट ने कहा कि आज के वैज्ञानिक युग में सबूतों की प्रामाणिकता पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. विज्ञान और परिस्थितिजन्य साक्ष्य किसी भी गवाह से अधिक विश्वसनीय साबित हो सकते हैं। अदालत ने कहा कि अब समय आ गया है कि अदालतें वैज्ञानिक साक्ष्यों को भी महत्व देना सीखें क्योंकि ये साक्ष्य बाहरी प्रभावों और पूर्वाग्रहों से मुक्त होते हैं।
यह मामला 13 दिसंबर 2022 की रात का है, जब पुलिस को सूचना मिली कि पोल्ट्री फार्म चौक के पास दो युवकों के बीच विवाद के बाद चाकू से हमला हुआ है. घायल रितेश ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ ऑटो में सवार होकर हल्लोमाजरा लौट रहा था, तभी मोटरसाइकिल सवार युवकों से उसकी बहस हो गई।
आरोपियों ने उनका पीछा कर पोल्ट्री फार्म चौक पर रोका और उनके साथ मारपीट की। चाकू के हमले में रितेश गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे सेक्टर-32 अस्पताल ले जाया गया, जहां 22 दिसंबर 2022 को उसकी मौत हो गई।
पुलिस जांच में पता चला है कि घटना की वजह मामूली विवाद था, जो हिंसक हो गया और रितेश की जान चली गई. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसके आधार पर कोर्ट ने यह सख्त फैसला सुनाया है.
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