सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 11 आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था.
Bilkis Bano Case: जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में सभी 11 आरोपियों की रिहाई खारिज कर दी थी. अब इस मामले में एक आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है और 8 जनवरी के फैसले पर सवाल उठाए हैं. आरोपी रमेश चंदना ने दलील दी है कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी के फैसले में दूसरी बेंच के आदेश को खारिज कर दिया था जो स्वीकार्य नहीं है.
दरअसल, 8 जनवरी के फैसले में जस्टिस बीवी नागरथाना और जस्टिस उजल भुइयां की बेंच ने कहा था कि बिलकिस बानो मामले में रेप के आरोपियों पर लागू माफी नीति महाराष्ट्र सरकार पर लागू होगी, गुजरात सरकार पर नहीं. शीर्ष अदालत ने कहा था कि गुजरात राज्य को इस मामले में बलात्कार के आरोपियों पर छूट की अपनी नीति लागू करने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 11 आरोपियों ने सरेंडर कर दिया था.
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इससे पहले गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर अपने खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया है. बता दें कि घटना के वक्त बिलकिस बानो की उम्र 21 साल थी और वह पांच महीने की गर्भवती थी. गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के दंगों के दौरान बानो के साथ बलात्कार किया गया था। दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी।
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