यह संभवत: पहली बार है जब किसी विभाग ने इस नाम से कोई पाठ्यक्रम शुरू किया है।
वडोदरा: गुजरात में वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (एमएसयू) ने सनातन साहित्य में एक पाठ्यक्रम शुरू किया है, जिसे छात्रों की ओर से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि यह पाठ्यक्रम उपनिषदों और श्रीमद्भगवद्गीता पर जोर देने के साथ-साथ "शाश्वत सत्य" और हिंदू धर्म की शिक्षाओं से संबंधित है तथा इसका उद्देश्य संस्कृति की आलोचनात्मक सोच व समझ को बढ़ाना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार छात्रों को भारतीय ज्ञान प्रणाली सिखाने के लिए विश्वविद्यालय के अंग्रेजी साहित्य विभाग ने हाल में यह पाठ्यक्रम शुरू किया है। विभाग के प्रमुख हितेश राविया ने कहा कि पाठ्यक्रम के लिए 150 छात्र नामांकन करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह संभवत: पहली बार है जब किसी विभाग ने इस नाम से कोई पाठ्यक्रम शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि यह पाठ्यक्रम छात्रों को सनातन साहित्य की दार्शनिक, ऐतिहासिक, और सांस्कृतिक बुनियाद की गहरी समझ प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। राविया ने कहा कि छात्र उपनिषदों का भी अध्ययन करेंगे। वे यह भी जानेंगे कि श्रीमद्भगवद्गीता किस तरह से नेतृत्व, संकट समाधान, और नैतिक निर्णय लेने को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा, ‘‘इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य आलोचनात्मक सोच, संस्कृति को समझने, और समकालिक मुद्दों पर पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करने की समझ विकसित करना है।’’