![Punjab government will give martyr status to Agniveer Amritpal Singh: Chief Minister maan Punjab government will give martyr status to Agniveer Amritpal Singh: Chief Minister maan](/cover/prev/63dj6r5dlrdvl4h5b2a3qkn6m3-20231017101159.Medi.jpeg)
पुंछ सेक्टर में, जम्मू कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन में सेवारत अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को मौत हो गई थी।
मानसा (पंजाब) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर में जान गंवाने वाले अग्निवीर अमृतपाल सिंह को शहीद का दर्जा देगी। अग्निवीर अमृतपाल सिंह की अंत्येष्टि सैन्य सम्मान के साथ नहीं किए जाने से उपजे विवाद के बीच उनका यह बयान आया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सीएम मान सोमवार को मानसा जिले में कोटली कलां गांव स्थित अमृतपाल सिंह के घर गए , उनके परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। पुंछ सेक्टर में, जम्मू कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन में सेवारत अग्निवीर अमृतपाल सिंह की 11 अक्टूबर को मौत हो गई थी। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में उनकी अंत्येष्टि की गई।
सेना ने रविवार को कहा था कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या की और उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ नहीं किया गया, क्योंकि खुद को पहुंचायी गयी चोट से होने वाली मौत के मामले में ऐसा सम्मान नहीं दिया जाता है। सेना ने इस बात पर जोर दिया है कि वह सैनिकों के बीच इस आधार पर भेदभाव नहीं करती कि वे ‘अग्निपथ योजना’ के कार्यान्वयन से पहले या बाद में सेना में शामिल हुए थे।
मुख्यमंत्री ने सैनिक को श्रद्धांजलि भी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है।.
मान ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्र को और विशेष रूप से शहीद के परिवार को हुई अपूरणीय क्षति को स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि शहीद की याद में उनके गांव में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी। अग्निवीर अमृतपाल सिंह को सेना द्वारा सैन्य सम्मान नहीं दिये जाने पर नाखुशी प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ‘‘भेदभाव’’ सैन्य कर्मियों के मनोबल को घटाएगा।उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह का भेदभाव सेना के लिए खतरनाक साबित होगा।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिंह को शहीद का दर्जा देगी।
सीएम मान ने कहा, ‘‘यह सचमुच में दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्तव्य निर्वहन करने के दौरान दिये गये बलिदान को शहीद के रूप में मान्यता नहीं दी गई।’’ उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक है कि पहली बार एक शहीद सैनिक के पार्थिव शरीर को एक निजी एंबुलेंस में लाया गया, जो उसका अपमान है। उन्होंने कहा कि यह कहीं अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिंह की शहादत को आत्महत्या घोषित किया गया, जो शहीद के परिवार के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।
सीएम ने कहा, ‘‘सेना में सेवा देने का विकल्प चुनने वाला व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा कि यदि शहीदों के साथ इस तरह का बर्ताव किया जाएगा, तो माता-पिता अपनी संतान को सेना में भेजने से पहले सोचने पर विवश हो सकते हैं।अग्निवीर योजना का विरोध करते हुए मान ने कहा कि यह बहादुर सैनिकों के योगदान का अपमान है और केंद्र सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अग्निवीर के तहत भर्ती किये गये सैन्य कर्मियों की नौकरी को नियमित किया जाना चाहिए।.
सीएम मान जम्मू कश्मीर के कारगिल में अपने प्राण न्योछावर करने वाले सैनिक परविंदर सिंह के घर भी गये। संगरूर जिले में छाजली स्थित परविंदर के घर पर मान ने उनके परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा।