शीर्ष कोर्ट ने कहा, हम ऐसे प्रतिभाशाली युवा को जाने नहीं दे सकते।
Supreme Court directs IIT Dhanbad admission to Dalit student Up News in Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के दलित समुदाय के दिहाड़ी मजदूर के बेटे को आईआईटी धनबाद में प्रवेश देने का निर्देश दिया है। यह छात्र समय पर प्रवेश फीस देने में असफल रहा था। शीर्ष कोर्ट ने कहा, हम ऐसे प्रतिभाशाली युवा को जाने नहीं दे सकते। गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से आने वाले याचिकाकर्ता अतुल कुमार ने 24 जून को शाम 4:45 बजे तक ग्रामीणों से 17,500 रुपये की राशि एकत्र की, लेकिन शाम पांच बजे की समय सीमा से पहले ऑनलाइन भुगतान नहीं कर सके थे।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता अतुल कुमार को आईआईटी, धनबाद में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में दाखिला दिया जाए। पीठ ने कहा, छात्र को समायोजित करने के लिए एक अतिरिक्त सीट सृजित की जाए, ताकि किसी अन्य छात्र के प्रवेश में बाधा न आए। याचिकाकर्ता 17,500 रुपये की राशि व्यक्तिगत रूप से अदा करेगा। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को उसी बैच में प्रवेश दिया जाए, जिसमें वह चयनित हुआ था। उसे छात्रावास जैसे सभी लाभ भी दिए जाने चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोर्ट रूम में मौजूद याचिकाकर्ता छात्र को बधाई देते हुए कहा, शुभकामनाएं! अच्छा करिए!
रकम होती तो भुगतान क्यों नहीं करता
आईआईटी सीट आवंटन प्राधिकरण की ओर से याचिका के विरोध पर जस्टिस पारदीवाला ने कहा, आप इतना विरोध क्यों कर रहे हैं? आपको देखना चाहिए कि क्या कुछ किया जा सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, उनके पिता 450 रुपये की दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं और 17,500 रुपये की व्यवस्था करना उनके लिए एक बड़ा काम था। पीठ ने आदेश में कहा, अगर याचिकाकर्ता के पास भुगतान करने के साधन होते, तो वह राशि क्यों नहीं चुकाता।
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