इस बारे में सूचना मिलने पर हरकत में आयी पुलिस ने लड़की को हिरासत में ले लिया। पुलिस अब उसकी ‘डीएनए जांच’ कराने की तैयारी में जुटी है।
लखनऊ : किसी रहस्य और रोमांच भरी फिल्म की कहानी की तरह एक घटना सामने आया है . सात साल पहले अलीगढ़ से कथित रूप से अगवा कर ‘कत्ल’ की गयी लड़की इस मामले के अभियुक्त की मां की पड़ताल में सात साल बाद हाथरस में जिंदा पायी गयी।
मामले के अभियुक्त 25 वर्षीय विष्णु की मां ने अपने बेटे को कठघरे में खड़ा करने वाले मामले की समानांतर पड़ताल की और अब 22 वर्ष की हो चुकी उस लड़की को जिंदा पाया। इस बारे में सूचना मिलने पर हरकत में आयी पुलिस ने लड़की को हिरासत में ले लिया। पुलिस अब उसकी ‘डीएनए जांच’ कराने की तैयारी में जुटी है।
इस बारे में हाथरस के इगलास क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) राघवेंद्र सिंह ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वर्ष 2015 में 15 वर्षीय लड़की के पिता ने गोंडा थाने में उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। एक शव बरामद होने की खबर पढ़ने पर लड़की के पिता ने आगरा में रखे उस शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की थी। इसके बाद इस मामले में हत्या की धारा जोड़ी गयी थी।
बाद में इस मामले के आरोपी विष्णु को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
हालांकि विष्णु की मां पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने मामले की समानांतर रूप से पड़ताल जारी रखी। इस दौरान हाथरस में एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उन्होंने लड़की को वहां देखा। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
सिंह ने बताया कि अभियुक्त की मां के दावे को प्रथम दृष्टया सही पाकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि हिरासत में ली गयी युवती को सोमवार को अलीगढ़ की अदालत में पेश किया गया। मंगलवार को उसके बयान दर्ज किये गये।
सिंह ने बताया, ‘‘हम युवती की ‘डीएनए प्रोफाइलिंग’ करा रहे हैं ताकि मामले में आगे की कार्रवाई की जा सके। युवती का डीएनए उसके माता-पिता से मिलान कराया जाएगा। उसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।’’
आरोपी विष्णु की मां ने संवाददाताओं से कहा कि उसे पता था कि उसके बेटे को गलत तरीके से फंसाया गया है।