दो साल बाद उसने रोहित राज को तलाक दे दिया लेकिन रोहित ने श्रेष्ठा ठाकुर के नाम पर लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया।
Shrestha Thakur News: उत्तर प्रदेश के शामली में तैनात DSP श्रेष्ठा ठाकुर एक मैट्रिमोनियल साइट के जरिए शादी करने के बाद धोखाधड़ी का शिकार हो गई हैं। 2008 बैच के पी.पी.एस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर ने अपने पूर्व पति रोहित राज के खिलाफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में मामला दर्ज कराया है. श्रेष्ठा ने अपनी शिकायत में कहा है कि रोहित राज ने खुद को आईआरएस अधिकारी बताया था.
उन्होंने रांची में उपायुक्त पद पर अपनी पोस्टिंग का भी दावा किया था. 2018 में उनकी शादी रोहित राज से हुई और शादी के बाद जब उन्हें अपने पति की सच्चाई पता चली तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. दो साल बाद उसने रोहित राज को तलाक दे दिया लेकिन रोहित ने श्रेष्ठा ठाकुर के नाम पर लोगों को धोखा देना शुरू कर दिया। फिलहाल वह गाजियाबाद में रह रहा हैं।
इस फर्जीवाड़े को लेकर श्रेष्ठा ठाकुर के पास शिकायतें आने लगीं. इसके बाद श्रेष्ठा ने अपने पूर्व पति के खिलाफ केस दर्ज कराया है. बताया जा रहा है कि आरोपी ने श्रेष्ठा ठाकुर से भी लाखों रुपये की ठगी की है. शादी से पहले श्रेष्ठा के परिजनों को रोहित राज के बारे में जानकारी मिली. उस समय, इसी नाम का एक आई.आर.एस अधिकारी रांची में उपायुक्त के पद पर तैनात थे.
श्रेष्ठा ठाकुर ने अपने पूर्व पति रोहित राज सिंह, ससुराल वकील शरण सिंह और रोहित के भाई संजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. एफआईआर में कहा गया है कि शादी के तुरंत बाद श्रेष्ठा को धोखाधड़ी के बारे में पता चला लेकिन वह रिश्ते को बचाने के लिए चुप रही। रोहित ने लखनऊ में एक प्लॉट खरीदने के लिए धोखाधड़ी से उसके बैंक खाते से 15 लाख रुपये निकाल लिए, जिसके बाद उसने उसे तलाक दे दिया। इसके बाद भी रोहित ने श्रेष्ठा के नाम पर लोगों को ठगा। रोहित मूल रूप से बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं।
कौन है श्रेष्ठा ठाकुर
कानपुर की रहने वाली श्रेष्ठा ठाकुर को उत्तर प्रदेश की 'लेडी सिंघम' भी कहा जाता है। साल 2012 में यूपी पीसीएस परीक्षा पास कर वह डीएसपी बनी श्रेष्ठा ठाकुर 2017 में तब सुर्खियों में आईं जब उन्हें बुलंदशहर में डीएसपी के रूप में पोस्ट किया गया था इस दौरान उन्होंने ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में बीजेपी की जिला पंचायत सदस्य के पति प्रमोद लोधी के खिलाफ चालान पेश किया था. चालान काटे जाने से नाराज प्रमोद लोधी की पुलिस से बहस हो गई. इस मामले को लेकर भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर के साथ दुर्व्यवहार किया गया था. बीजेपी कार्यकर्ताओं और श्रेष्ठा ठाकुर के बीच जमकर बहस हुई.
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