36 साल के इंतजार और 900 सुनवाई के बाद 31 मार्च 2023 को अदालत ने अपना फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
मेरठ (उप्र): उत्तर प्रदेश सरकार ने मई 1987 के मेरठ के मलियाना नरसंहार मामले में सभी 39 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी करने के स्थानीय अदालत के आदेश को चुनौती दी है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) सचिन मोहन ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने अपर जिला न्यायाधीश लखविंदर सिंह सूद की अदालत के 31 मार्च, 2023 के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की है, जिसमें मेरठ के मलियाना नरसंहार मामले में सभी 39 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
सचिन मोहन ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश के निर्णय से सरकार और हम लोग संतुष्ट नहीं थे। इसलिए उप्र सरकार ने उच्च न्यायालय में अपील की है। 1987 में मेरठ के मलियाना गांव में 72 मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी और उनके घर जला दिए गए थे। 36 साल के इंतजार और 900 सुनवाई के बाद 31 मार्च 2023 को अदालत ने अपना फैसला सुनाया और सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।