सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अस्पताल के पास सर्जरी का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद वहां सर्जरी की जा रही थी।
लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के मामले में सुनवाई करते हुए शासकीय अधिवक्ता को इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से निर्देश प्राप्त करने का आदेश दिया और पूछा कि मामले की जांच कब तक पूरी होगी।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की पीठ ने अस्पताल प्रशासन को कोई अंतरिम राहत नहीं दी। मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को की जाएगी। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता राहुल शुक्ला ने अदालत में राज्य सरकार का पक्ष रखा।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि अस्पताल के पास सर्जरी का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद वहां सर्जरी की जा रही थी। संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस, 17 सितंबर को दिव्या शुक्ला नामक एक महिला की मौत होने के बाद 18 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।
अमेठी के राम शाहपुर की महिला मरीज दिव्या शुक्ला को 14 सितंबर को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पति ने दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान अधिक मात्रा में एनेस्थीसिया दिए जाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई। संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं तथा पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा इसके सदस्य हैं।