ये यात्री दक्षिण भारत की तीर्थयात्रा पर निकले थे। मदुरै रेलवे स्टेशन पर 26 अगस्त को ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से नौ यात्रियों की मौत हो गई
लखनऊ: तमिलनाडु के मदुरै रेलवे यार्ड में खड़ी एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगने की घटना में जान गंवाने वाले नौ यात्रियों के शव रविवार को चेन्नई से लखनऊ लाए गए और उन्हें संबंधित जिलों में भेजा गया है। रेलवे के सूत्रों ने कहा कि मृतकों में टूर संचालक हरीश कुमार भसीन (62) भी शामिल थे और सभी नौ मृतकों की पहचान कर ली गयी है।
तमिलनाडु शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अधिकारी पांच यात्रियों से पूछताछ कर रहे हैं, वहीं रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने मदुरै की घटना को लेकर जांच शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के निवासियों के शवों को लेने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि राज्य सरकार शोक संतप्त परिवारों के साथ है। उन्होंने कहा, ''हम परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।''
यात्रियों के शवों लेकर दो अलग-अलग विमान लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उतरे। पांच शव चेन्नई से सीधी उड़ान से भेजे गये थे और चार को बेंगलुरु के रास्ते भेजा गया। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि हवाई अड्डे पर सरकार द्वारा जिलेवार शव वाहन की व्यवस्था की गई थी और शवों को उनके संबंधित जिले में पहुंचाया गया। तमिलनाडु में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ‘निजी पार्टी कोच’ (किसी व्यक्ति द्वारा बुक किया गया पूरा डिब्बा) के 64 यात्रियों में से एक का इलाज मदुरै के एक अस्पताल में अभी चल रहा है।
ये यात्री दक्षिण भारत की तीर्थयात्रा पर निकले थे। मदुरै रेलवे स्टेशन पर 26 अगस्त को ट्रेन के डिब्बे में आग लगने से नौ यात्रियों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे।
तमिलनाडु पुलिस के सूत्रों के अनुसार प्राथमिकी में टूर संचालक भसीन का नाम नहीं है और उसके संदर्भ में ‘सामान्य’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। वह तीर्थयात्रा के आयोजन, ट्रेन के डिब्बे के अंदर अवैध तरीके से रसोई गैस सिलेंडर रखने और संबंधित चीजें से जुड़े थे। दक्षिण क्षेत्र के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी ने आग की घटना में जांच शुरू कर दी है।
चौधरी ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए संवाददाताओं से कहा कि उन्हें इस घटना में साजिश का कोई कोण नहीं दिखाई देता। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इलाज कराने वाले घायल यात्रियों से इस बारे में पूछताछ की है कि यार्ड में खड़े कोच में आग कैसे फैली। उन्होंने कहा कि जांच पूरी करने और अधिकारियों को रिपोर्ट जमा करने में कम से कम एक महीना लगेगा।
दक्षिण रेलवे के एक अधिकारी और रेलवे बोर्ड के एक सदस्य जांच में शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ के मनोहरमन अग्रवाल (81) और हिमानी बंसल (22), लखीमपुर खीरी की शांति देवी (67), हरदोई के परमेश्वर दयाल गुप्ता (57), सीतापुर के मिथिलेश कुमार (52), शत्रु दमन सिंह (65), अंकुल कश्यप (32), दीपक कश्यप (20) और हरीश कुमार भसीन के शव लखनऊ हवाई अड्डे पर लाये गये।