Inflation Rate: सब्जियों के दाम चढ़ने से थोक महंगाई दर जून में बढ़कर 16 महीने के उच्चस्तर 3.36 प्रतिशत पर

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Inflation Rate: सब्जियों के दाम चढ़ने से थोक महंगाई दर जून में बढ़कर 16 महीने के उच्चस्तर 3.36 प्रतिशत पर
Published : Jul 15, 2024, 3:18 pm IST
Updated : Jul 15, 2024, 3:18 pm IST
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Wholesale inflation rises to 16-month high of 3.36 percent in June due to rising prices of vegetables
Wholesale inflation rises to 16-month high of 3.36 percent in June due to rising prices of vegetables

जून, 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी।

Inflation Rate News: खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और विनिर्मित उत्पादों के दाम बढ़ने से थोक मुद्रास्फीति जून महीने में बढ़कर 16  महीने के उच्चस्तर 3.36 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह लगातार चौथा महीना है जब थोक मुद्रास्फीति बढ़ी है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मई में 2.61 प्रतिशत के स्तर पर थी। जून, 2023 में यह शून्य से 4.18 प्रतिशत नीचे रही थी।

थोक महंगाई दर फरवरी, 2023 में 3.85 प्रतिशत थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को बयान में कहा, ‘‘ जून, 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल तथा अन्य विनिर्मित वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि है।’’

आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति जून में 10.87 प्रतिशत बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76 प्रतिशत रही, जो मई में 32.42 प्रतिशत थी। प्याज की महंगाई दर 93.35 प्रतिशत जबकि आलू की महंगाई दर 66.37 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64 प्रतिशत रही। आलोच्य महीने में फलों की मुद्रास्फीति 10.14 प्रतिशत, अनाज 9.27 प्रतिशत और दूध की महंगाई दर 3.37 प्रतिशत रही।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून, 2024 में थोक मुद्रास्फीति में वृद्धि व्यापक थी। ईंधन और बिजली को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्रों में दाम बढ़े हैं।

उन्होंने कहा कि अनुकूल तुलनात्मक आधार के साथ-साथ वैश्विक जिंस कीमतों में कुछ नरमी के कारण जुलाई, 2024 में थोक मुद्रास्फीति लगभग दो प्रतिशत तक कम होने की उम्मीद है।

नायर ने तेल की कीमतों के संबंध में कहा, ‘‘भारत के लिए कच्चे तेल की औसत कीमत जुलाई, 2024 में अबतक काफी अस्थिर रही है। मांग-आपूर्ति में अंतर के कारण, मासिक आधार पर वृद्धि देखी जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतें चालू महीने में थोक मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ा सकती हैं। ईंधन और बिजली की महंगाई दर 1.03 प्रतिशत रही। यह मई के 1.35 प्रतिशत से मामूली कम है। हालांकि, माह के दौरान कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मूल्य वृद्धि दहाई अंक में 12.55 प्रतिशत रही।

विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति जून में 1.43 प्रतिशत थी, जो मई के 0.78 प्रतिशत से अधिक है। जून में थोक महंगाई दर में वृद्धि खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप थी। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। (pti)

(For More News Apart from Wholesale inflation rises to 16-month high of 3.36 percent in June due to rising prices of vegetables, Stay Tuned To Rozana Spokesman)  


 

Location: India, Delhi, New Delhi

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