उन्होंने खाद व अनाज दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए साझा समझौते करने पर भी जोर दिया।
बाली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जी-20 देशों के नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि आज का उर्वरक संकट कल खाद्य संकट में तब्दील हो सकता है, इसलिए दुनिया को इसका समाधान खोजना होगा।
उन्होंने खाद व अनाज दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाए रखने के लिए साझा समझौते करने पर भी जोर दिया।
मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान देश के 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया।
इस सत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित दुनिया के कई नेताओं ने हिस्सा लिया।.
उन्होंने कहा कि भारत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है और टिकाऊ खाद्य सुरक्षा के लिए बाजरे जैसे पौष्टिक व पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है।. विश्व के कई देश यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न खाद्य सुरक्षा की चुनौती का सामना कर रहे हैं।.
यूक्रेन दरअसल गेहूं का एक प्रमुख उत्पादक है और इसके मुख्य भोजन के निर्यात में बाधाओं से वैश्विक स्तर पर इसकी कमी हो गई है।
प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेलन में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर सत्र को संबोधित करने के दौरान कहा, ‘‘ वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने अपने 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। साथ ही कई जरूरतमंद देशों को अनाज भेजा गया। खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से उर्वरकों की मौजूदा कमी भी एक बहुत बड़ा संकट है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोटे अनाज वैश्विक कुपोषण और भुखमरी की समस्या का समाधान कर सकता है। हम सभी को अगले वर्ष उत्साह के साथ अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष मनाना चाहिए।’’
मोदी ने यह भी कहा कि वैश्विक वृद्धि के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।.
भारत वर्तमान में जी20 तिकड़ी (वर्तमान, पिछली और आने वाली जी20 की अध्यक्षता) का हिस्सा है जिसमें इंडोनेशिया, इटली और भारत शामिल हैं।