वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर को लेकर आक्रामक रुख से बाजार नीचे आया।
मुंबई : घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 461 अंक से अधिक टूट गया। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर को लेकर आक्रामक रुख से बाजार नीचे आया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 461.22 अंक यानी 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,337.81 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 506.5 अंक तक लुढ़क गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 145.90 अंक यानी 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,269 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, डॉ. रेड्डीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारतीय स्टेट बैंक, विप्रो, पावरग्रिड और टाइटन प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचडीएफसी बैंक और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि के बाद यूरोपीय केंद्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रुख से वैश्विक बाजारों में गिरावट रही।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंकों के मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रुख से वैश्विक अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंता बढ़ी है। बाजार में घाटे से उबरने का प्रयास देखा गया। हालांकि, वैश्विक समर्थन के अभाव घरेलू शेयर बाजार नुकसान में बंद हुए।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहे जबकि हांगकांग के हैंगसेंग में तेजी रही।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार में भी बृहस्पतिवार को गिरावट थी।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 710.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।