रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) की सिफारिशों के अनुरूप कुछ निर्देशों को भी अद्यतन किया है।
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों की जांच-पड़ताल व्यवस्था को और मजबूत किये जाने के लिये पहल की है। इसके तहत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से समय-समय पर केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) अद्यतन को लेकर जोखिम आधारित रुख अपनाने को कहा गया है। केंद्रीय बैंक ने समीक्षा के बाद केवाईसी को लेकर ‘मास्टर’ दिशानिर्देश में संशोधन किया है।
इसके तहत बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आरबीआई के दायरे में आने वाली अन्य इकाइयों को अपने ग्राहकों के लिये निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत जांच-पड़ताल करनी होगी। उल्लेखनीय है कि सरकार के मनी लांड्रिंग निरोधक नियम, गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों का निषेध) अधिनियम से संबंधित नये निर्देशों के बाद आरबीआई का यह संशोधन आया है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने एफएटीएफ (वित्तीय कार्रवाई कार्यबल) की सिफारिशों के अनुरूप कुछ निर्देशों को भी अद्यतन किया है। ताजा मास्टर निर्देशों में कहा गया है कि केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन के लिये जोखिम-आधारित दृष्टिकोण को संशोधित किया गया है।
इसके तहत, केंद्रीय बैंक के नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों को केवाईसी के समय-समय अद्यतन के लिये जोखिम-आधारित दृष्टिकोण अपनाना होगा। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहकों से संबंधित जांच-पड़ताल के तहत एकत्र की गई जानकारी खासकर जहां जोखिम अधिक है, उसे बनाये रखा जाए।