सिलाई, कंप्यूटर और ब्यूटी पार्लर का कोर्स कराकर 1500 युवतियों को बनाया आत्मनिर्भर
Haryana News: करनाल की बैंक कॉलोनी निवासी डॉ. सुजाता शर्मा ने 1500 युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। डॉ. सुजाता जरूरतमंद बच्चों को समाज में जीवन यापन और आत्मनिर्भर बनने के कौशल सिखा रही हैं। (Dr. Sujata left her job as a doctor and became an inspiration for the education of disabled children news in hindi)
पंजाब विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में पीएचडी कर चुकी डॉ. सुजाता ने 31 साल पहले नोएडा की नौकरी छोड़कर तपन रिहैबिलिटेशन सोसाइटी की स्थापना की और समाज सेवा के क्षेत्र में कदम रखा। 2015 में उन्हें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया और उसी वर्ष जिला प्रशासन ने उन्हें रोल मॉडल के रूप में सम्मानित किया।
अब डॉ. सुजाता युवतियों को स्वरोजगार से जुड़े कोर्स करवाती हैं, जिनमें सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, सैनिटरी पैड/नेपकिन बनाना और पुराने कागज को रिसाइकिल कर नया कागज बनाने का प्रशिक्षण शामिल है। इसके साथ ही वह स्कूलों में 350 जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा भी प्रदान कर रही हैं। डॉ. सुजाता कला और जीवन के मूल्यों की शिक्षा भी देती हैं और उन्होंने पुलिस परिसर में पुलिस अधिकारियों को भी यह शिक्षा दी है।
इसके अलावा, तपन स्कूल के छात्र खेलों में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। 2013 में, खिलाड़ी अरुण ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आयोजित स्पेशल ओलंपिक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि विकलांगता कोई बाधा नहीं होती। अरुण अब खेल विभाग में कोच के रूप में कार्यरत हैं।
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