11 अगस्त, 2023 को संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 पारित किया।
New Birth Registration Rules news in hindi: नए जन्म पंजीकरण के लिए सरकार नए नियम लाने की तैयारी कर रही है। अब जन्म के समय माता-पिता दोनों का धर्म अलग-अलग दर्ज कराना होगा। पहले सिर्फ परिवार का धर्म दर्ज करना होता था। अब बच्चे के पिता और मां दोनों का धर्म भी बताना होगा। यह नियम गोद लिए गए बच्चों के माता-पिता पर लागू होता है।
अब सरकार इसके नियमों में बदलाव लाने की सोच रही है। पंजीकरण बच्चे के जन्म के समय होता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जन्म पंजीकरण नियमों में बदलाव को लेकर एक मसौदा जारी किया है। बच्चे के जन्म पंजीकरण में माता-पिता दोनों का धर्म दर्ज करना अनिवार्य बनाने के लिए मॉडल नियम पेश किए गए हैं। इसमें माता-पिता को बच्चे के पिता और मां का धर्म अलग-अलग बताना होगा।
पहले क्या थे नियम?
दरअसल, पहले सिर्फ परिवार का धर्म दर्ज करना होता था। प्रस्तावित 'फॉर्म नंबर 1-जन्म रिपोर्ट' के तहत, माता-पिता को अब बच्चे के धर्म के अलावा बच्चे के पिता और मां दोनों के धर्म का खुलासा करना होगा। इसी तरह का नियम गोद लिए गए बच्चों के माता-पिता पर भी लागू किया गया है। इन मॉडल नियमों को पूरे देश में लागू करने से पहले राज्य सरकारों द्वारा अपनाया जाना है। हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना का अभी भी इंतजार है।
कानूनी ढांचा और डेटाबेस प्रबंधन
11 अगस्त, 2023 को संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 पारित किया। इस अधिनियम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर जन्म और मृत्यु का डेटाबेस बनाए रखना आवश्यक होगा। इतना ही नहीं, इसे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (जन्म और मृत्यु डेटाबेस), आधार और मतदाता सूची जैसे अन्य डेटाबेस के साथ एकीकृत किया जा सकता है।
डिजिटल पंजीकरण प्रणाली: भारत में हर दिन, सभी जन्म और मृत्यु को केंद्रीय नागरिक पंजीकरण प्रणाली में पंजीकृत करना होता है। इसके लिए एक पोर्टल (CRSORGI DATGO VIDHAN) भी है।
इन सभी को 1 अक्टूबर, 2023 से डिजिटल रूप से पंजीकृत किया जाना चाहिए। यह डिजिटल पंजीकरण प्रणाली प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करती है। इसके अलावा इसके जरिए डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र भी जारी किया जा सकता है। इतना ही नहीं इसे बाद में प्राथमिक दस्तावेज के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अन्य कौन सी जानकारी आवश्यक है?
जन्म पंजीकरण फॉर्म में अब माता-पिता का आधार नंबर, मोबाइल और ईमेल आईडी और पते की जानकारी शामिल होगी। इसके अलावा डेटा उपलब्ध कराने वाले सूचनादाता को अपना आधार और संपर्क विवरण भी देना होगा। आपको बता दें, गृह मंत्रालय के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल (आरजीआई) को इन परिवर्तनों को लागू करने और पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाए रखने का काम सौंपा गया है।
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