नेट्राडाइन एक स्टार्टअप है जो चालक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करती है।
New Delhi: सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (आईटीएस) की स्थापना से यातायात को सुगम कर भीड़भाड़ को प्रबंधित करने से सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) की भारतीय इकाई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्टार्टअप नेट्राडाइन के वरिष्ठ निदेशक अमित कुमार ने कहा कि अधिक गति और बैटरियों के अतिरिक्त भार के कारण सड़कों पर ई-वाहन पारंपरिक कारों की तुलना में अधिक असुरक्षित हैं। नेट्राडाइन एक स्टार्टअप है जो चालक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) का इस्तेमाल करती है।
कुमार ने कहा, ‘‘ कृत्रिम मेधा चालक के व्यवहार पर नजर रखने...उसके थक जाने या व्याकुल होने, सही तरीके से वाहन न चलाने के संकेतों का पता लगाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चेतावनी देने के साथ ही वाहन पर नियंत्रण रखने में मदद कर सकती है।’’
कुमार ने कहा कि एआई दुर्घटना से जुड़े आंकड़ों के बेहतर संग्रह तथा विश्लेषण, सड़क बुनियादी ढांचे को बेहतर करने और दुर्घटना के बाद प्रतिक्रिया की दक्षता बढ़ाने में भी मदद कर सकती है। आईआरएफ के मानद अध्यक्ष के. के. कपिला ने कहा कि विकासशील देशों द्वारा एआई सहित अपनाई जाने वाली नई प्रौद्योगिकियों के लाभ से डिजिटल और सड़क सुरक्षा के बीच की दूरी को पाटने में मदद मिलेगी।
अर्काडिस आईबीआई के निदेशक वी. एस. चुंदुरु ने कहा कि सड़क परिवहन, यातायात प्रबंधन सहित कई स्थितियों में परिवहन की दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए आईटीएस का इस्तेमान किया जाना चाहिए।