Farmers Protest 2024: किसान आंदोलन से उत्तरी राज्यों को रोजाना 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान !

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Farmers Protest 2024: किसान आंदोलन से उत्तरी राज्यों को रोजाना 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान !
Published : Feb 17, 2024, 12:56 pm IST
Updated : Feb 17, 2024, 12:56 pm IST
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Economic loss of Rs 500 crore per day to northern states due to Farmers Protest 2024
Economic loss of Rs 500 crore per day to northern states due to Farmers Protest 2024

उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है ...

Economic loss of Rs 500 crore per day to northern states due to Farmers Protest 2024 News In Hindi: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनाने समेत अपने अन्य कई मांगों को लेकर  पंदाब और हरियाणा के किसान आज से दिल्ली कूच पर है.  इस बीच उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में व्यापार और उद्योग को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंच सकता है।

उद्योग मंडल का कहना है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है और इससे प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा।

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा, “लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन से प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। ...और उत्तरी राज्यों मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के चौथी तिमाही के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) पर असर पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि उद्योग मंडल देश में सभी के कल्याण के लिए आम सहमति के साथ सरकार और किसानों दोनों से मुद्दों के शीघ्र समाधान की आशा करता है।

अग्रवाल ने कहा कि किसानों का आंदोलन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय के व्यवसायों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। उत्पादन प्रक्रियाओं को निष्पादित करने और उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए ऐसी इकाइयों का कच्चा माल बड़े पैमाने पर अन्य राज्यों से खरीदा जाता है।.

सबसे बड़ी मार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के एमएसएमई पर पड़ेगी। उन्होंने कहा, “पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की संयुक्त जीएसडीपी मौजूदा कीमतों पर 2022-23 में 27 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इन राज्यों में लगभग 34 लाख एमएसएमई हैं जो अपने संबंधित कारखानों में लगभग 70 लाख श्रमिकों को रोजगार देते हैं।”

गौरतलब है कि किसान अपनी मांगों को लेकर केन्द्र पर दबाब बनाने के लिए दिल्ली चलो मार्च पर है . किसानों के इस आंदोलन को  2.0 भी कहा जा रहा है. 

किसानों की केंद्र सरकार से कई मांगें..

बता दें कि किसान अपनी कई मांगो को लेकर दिल्ली कूच पर है। जिसमें किसानों की कई प्रमुख मांगे है, जिसमें सभी फसलों की खरीद पर एमएसपी गारंटी अधिनियम बनाया जाए, किसानों और मजदूरों के लिए पूर्ण ऋण माफी, लखीमपुर खीरी हत्या मामले में न्याय के साथ समझौते के अनुसार घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग, दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज मामले रद्द किए जाने की मांग के साथ  किसान कई अन्य मांगो को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच कर रहे हैं। 

 (For more news apart Economic loss of Rs 500 crore per day to northern states due to Farmers Protest 2024 News In Hindi, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)

Location: India, Delhi, New Delhi

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