तमिलनाडु 31,629 हेक्टेयर भूमि के साथ देशभर में 14वें स्थान पर है।
चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने और लोगों को सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य में ‘रसायन मुक्त जैविक कृषि’ की दिशा में जैविक खेती नीति शुरू की है। इस नीति का उद्देश्य कृषि-पारिस्थितिकी और जैव विविधता का संरक्षण सुनिश्चित करना भी है। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा मंगलवार को सचिवालय में पेश की गई यह नीति सुरक्षित, स्वस्थ और पर्यावरण के अनुकूल भोजन प्रदान करने की दिशा में काम करेगी।
नीति में कहा गया है कि भारत कुल 26 लाख 60 हजार हेक्टेयर जैविक कृषि भूमि के साथ दुनियाभर में पांचवें स्थान पर है, जबकि तमिलनाडु 31,629 हेक्टेयर भूमि के साथ देशभर में 14वें स्थान पर है।
नीति दस्तावेज में कहा गया है, “जैविक खेती फसल उत्पादन और पशुपालन के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन बनाती है और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र व चक्र के साथ जीवन के संरेखण की सुविधा प्रदान करती है। इससे खेती में आत्मनिर्भरता और स्थिरता लाने में भी मदद मिलती है।”