पुतिन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत साल-दर-साल अधिक शक्तिशाली होता जा रहा है।
मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व होना चाहिए और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय निर्णय लेने में उनका महत्व बढ़ना चाहिए। सोची में बृहस्पतिवार को ‘वल्दाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब’ की पूर्ण बैठक को संबोधित करते हुए पुतिन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत साल-दर-साल अधिक शक्तिशाली होता जा रहा है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने पुतिन के हवाले से कहा, ‘‘ऐसे देश जो केवल अपनी क्षमता के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मामलों में महत्वपूर्ण आधार हासिल करते हैं और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के समाधान की संभावना एवं प्रभाव भी रखते हैं, उनका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व होना चाहिए।’’ उन्होंने मॉस्को आधारित थिंक टैंक द्वारा आयोजित सम्मेलन में कहा, ‘‘ये कौन से देश हैं? यह भारत है: जनसंख्या पहले से ही डेढ़ अरब से अधिक है, (सात प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि के साथ)। यह एक शक्तिशाली देश है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह साल-दर-साल और अधिक शक्तिशाली होता जा रहा है।’’
पुतिन ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश, सुरक्षा परिषद में सुधार के वर्षों से चल रहे प्रयासों में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली संयुक्त राष्ट्र के उच्च पटल पर स्थायी सदस्य के रूप में एक सीट की सही हकदार है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अपने वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की राजनीतिक वास्तविकताओं के अनुरूप भू-प्रतिनिधित्व नहीं करती। अपने संबोधन में रूसी राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की बड़ी भूमिका का भी समर्थन किया।
पुतिन ने कहा, "लातिन अमेरिका में ब्राजील: जनसंख्या बहुत बड़ी है, प्रभाव में भारी वृद्धि हुई है। दक्षिण अफ्रीका भी, दुनिया में उनके प्रभाव को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है? इसलिए, अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में उनका महत्व भी बढ़ना चाहिए।"
वर्तमान में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं। पांच स्थायी सदस्य-रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और अमेरिका हैं।