पाकिस्तान का कहना है कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरुप है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के करीब 17 लाख शरणार्थियों सहित अवैध रूप से रह रहे सभी प्रवासियों को 31 अक्टूबर तक देश से बाहर करने की योजना पर अमल करने का फैसला किया है। पाकिस्तान का कहना है कि यह फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरुप है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई।
पिछले कुछ सप्ताह से कानून प्रवर्तक एजेंसियां अफगानिस्तान की सीमा पार कर पाकिस्तान में आए लोगों को 'अवैध विदेशी' करार देकर उन पर कार्रवाई कर रही हैं। इन्हीं कार्रवाई के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
तिब्बत में एक सम्मेलन से इतर हॉन्ग-कॉन्ग के फीनिक्स टीवी को दिए साक्षात्कार में कार्यवाहक मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा, '' कोई भी देश अपनी सरजमीं पर लोगों को अवैध तरीके से रहने की इजाजत नहीं देता फिर चाहे वे यूरोप हो या फिर एशिया का कोई भी देश या फिर हमारा पड़ोसी मुल्क। इसलिए हमने अंतरराष्ट्रीय नियमों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है।''.
अवैध प्रवासियों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़कर जाने या फिर एक नवंबर से जबरन बाहर निकाले जाने की पाकिस्तान की योजना की आलोचना हो रही है। यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीस (यूएनएचसीआर) और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे संगठनों ने सरकार से योजना पर पुनर्विचार करने का आह्वान किया है।.
काबुल में तालिबान सरकार ने भी इस कदम पर आपत्ति जाहिर की है।.
जिलानी ने कहा, ''जब भी कोई समस्या आती थी तो लोग पाकिस्तान आ जाते थे और यहां शरण ले लेते थे।''.
उन्होंने कहा, ''लेकिन अब मुझे लगता है कि 40 साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है इसलिए पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है।'' हालांकि उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अब स्थिर हैं।