पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।. कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और
पेशावर : पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में एक मस्जिद में सोमवार को दोपहर की नमाज की दौरान हुए एक शक्तिशाली आत्मघाती बम विस्फोट में 25 लोगों की मौत हो गयी जबकि 120 अन्य घायल हो गये। सुरक्षा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि अपराह्न एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के समीप जब ज़ुहर (दोपहर) की नमाज पढ़ी जा रही थी तब अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया।
उपायुक्त शफीउल्लाह खान ने मीडिया को बताया कि इस शक्तिशाली धमाके में 25 लोगों की मौत हो गयी जबकि 120 अन्य घायल हो गये। चश्मदीदों का कहना है कि घायलों में ज्यादातार पुलिसकर्मी हैं।
किसी भी आतंकवादी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाते हुए अतीत में कई आत्मघाती हमले किये हैं। यह संगठन पाकिस्तान तालिबान नाम से भी जाना जाता है।
पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाहजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि जब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में वह दाखिल ही हुए थे तभी यह धमाका हुआ लेकिन सौभाग्य से उनकी जान बच गयी। उनका कार्यालय मस्जिद के समीप ही है।
बम हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर, चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया । एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढ़ह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं।
उन्होंने बताया कि घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया जा रहा है । अस्पताल सूत्रों का कहना है कि उनमें 13 की हालत नाजुक है। पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गयी है । अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है।.
पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।. कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है।. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ जिन लोगों की जान गयी है , उनके परिवारों और जो लोग घायल हुए हैं, उनके प्रति मेरे गहरी संवेदना है। ऐसे में जरूरी हो गया है कि हम खुफिया सूचना संग्रहण में सुधार लायें और पुलिस बलों को आतंकवाद के बढ़ते खतरे का मुकाबला करने के लिए उपयुक्त रूप से मजबूत बनायें।’’.