पार्टी सांसद सुष्मिता देव और असित कुमार मल ने विरोध में बैठक से बहिर्गमन किया।
New Delhi: तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने पहलवानों के प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में विभिन्न खेल महासंघों द्वारा महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा पर चर्चा की मांग को ‘बैठक के एजेंडे से बाहर का विषय’ बताकर अस्वीकार किए जाने के विरोध में बृहस्पतिवार को एक संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन किया जिसकी अध्यक्षता भाजपा के सांसद विवेक ठाकुर कर रहे थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तृणमूल कांग्रेस ने शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल मामलों की स्थायी समिति में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और पूछा कि क्या विभिन्न खेल संघों में शिकायत समितियों का गठन किया गया है और अगर किया गया है तो क्या वे सक्रिय हैं, जिसके बाद पार्टी सांसद सुष्मिता देव और असित कुमार मल ने विरोध में बैठक से बहिर्गमन किया।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह, भाजपा के तीन अन्य सांसद और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थम्बीदुरै बैठक में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस बैठक में खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, टॉप्स के सीईओ कमोडोर (सेवानिवृत्त) पी के गर्ग, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी मिश्रा आदि ने भी हिस्सा लिया।
सूत्रों ने बताया कि खेल सचिव ने देव को सूचित किया कि सरकार की खेल संघों के कामकाज में कोई भूमिका नहीं है और शासन द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वैश्विक स्तर पर प्रशासित खेलों की भावना के विपरीत होगा। सूत्रों ने बताया कि माना जा रहा है कि समिति के अध्यक्ष ठाकुर ने देव को सूचित किया कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है।
उन्होंने बताया कि देव के सवाल पर भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘यह मुद्दा बैठक का हिस्सा नहीं है और वैसे भी विषय न्यायालय में विचाराधीन है और समिति इस पर चर्चा नहीं कर सकती। यह स्पष्ट किया जाता है कि यह बैठक अगले ओलंपिक के लिए भारत की तैयारियों को लेकर है।’’
सूत्रों ने बताया कि इस पर देव और मल दोनों ने बैठक से बहिर्गमन किया जबकि कांग्रेस सदस्य सिंह ने देव का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने बहिर्गमन नहीं किया। देव ने कहा, ‘‘जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं इस मुद्दे को उठा रही हैं तो महिला और बाल मुद्दों की स्थायी समिति की सदस्य होने के नाते मैं महसूस करती हूं कि बैठक से बहिर्गमन करूं क्योंकि खेल एवं युवा मामलों का मंत्रालय उचित कदम उठाने में असफल रहा है। मैं बैठक में मूकदर्शक नहीं बैठ सकती क्योंकि स्थायी समिति सार्वजनिक नीति की निगरानीकर्ता है।’’
गौरतलब है कि तृणमूल सांसद ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर नौ मई को ठाकुर को पत्र लिखा था और कहा था कि समिति को खेल संघों और निकायों पर लागू कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा करनी चाहिए और इस विषय पर खेल मंत्रालय की भूमिका पर विचार करना चाहिए।