आरबीआई ने अपनी पिछली दो द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दर नहीं बढ़ाई है।
मुंबई: नौ प्रतिशत से ज्यादा ब्याज दर वाले कर्ज की हिस्सेदारी मार्च 2023 में बढ़कर 56.1 प्रतिशत हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में इसकी वजह मई, 2022 के बाद हुए मौद्रिक सख्त उपायों को बताया गया।
आरबीआई ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक आपूर्ति बाधित होने पर मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए मई, 2022 में ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू किया था। इसके बाद से ब्याज दरों में 2.5 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है। हालांकि, आरबीआई ने अपनी पिछली दो द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दर नहीं बढ़ाई है।
भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के ऋण पर केंद्रीय रिपोर्ट 'बुनियादी सांख्यिकीय प्रतिफल - मार्च 2023' में कहा गया है कि मौद्रिक सख्ती के उपायों के तहत नौ प्रतिशत से अधिक ब्याज दर वाले ऋणों की हिस्सेदारी मार्च 2023 में बढ़कर 56.1 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 31.4 प्रतिशत थी।