उन्होनें कहा कि INDIA मणिपुर के लिए ये संकल्प लेकर आया है. मणिपुर न्याय चाहता है.
नई दिल्ली: लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है. यह चर्चा 12 बजे शुरु हुई. कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की. चर्चा शुरू होने के साथ ही सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया. गौरव गोगोई ने कहा कि वोअविश्वास प्रस्ताव लाने को मजबूर थे क्योंकि यह मणिपुर के लिए न्याय की बात है. बेटियां और छात्र आज न्याय मांगता है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव लाने को मजबूर हैं. यह कभी भी संख्या के बारे में नहीं था, केवल मणिपुर के लिए न्याय के बारे में था। INDIA मणिपुर के लिए ये संकल्प लेकर आया है. मणिपुर न्याय चाहता है.
उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में न बोलने का मौन व्रत ले लिया है. उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए हमें अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। हम उनसे तीन सवाल पूछना चाहते हैं-
1. वे अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए? 2. मणिपुर पर बोलने में उन्हें 80 दिन क्यों लगे? 3. मणिपुर के मुख्यमंत्री को अब तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया?
कांग्रेस सांसद ने कहा, ''प्रधानमंत्री को स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल हो गई है। यही कारण है कि मणिपुर में 150 लोगों की मौत हो गई, लगभग 5000 घर जला दिए गए, लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में हैं और लगभग 6500 एफ.आई.आर. रिकार्ड किया गया है. राज्य के मुख्यमंत्री, जिन्हें संवाद, शांति और सद्भाव का माहौल बनाना था, ने पिछले 2-3 दिनों में उत्तेजक कदम उठाकर समाज में तनाव पैदा कर दिया है।''
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 तारीख को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे. संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक चर्चा चलेगी. साथ ही इस चर्चा के दौरान बीजेपी के 5 मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरण रिजिजू और 10 सांसद बहस में हिस्सा लेंगे. इन सांसदों में निशिकांत दुबे, राजवर्धन सिंह राठौड़, रमेश बिधूड़ी, हिना गावित शामिल हैं। बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे बहस की शुरुआत करेंगे. आपको बता दें कि मोदी सरकार के खिलाफ यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है.