याचिका दायर करने वालों का कहना है कि यह कानून मुसलमानों के साथ पक्षपातपूर्ण है.
Supreme Court will hear today 237petitions filed against CAA News In Hindi: देशभर में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) लागू कर दिया है. वहीं इसको लेकर विरोध होना भी शुरू हो गया. सुप्रीम कोर्ट में सीएए कानून पर रोक लगाने की मांग को लेकर 200 से ज्यााद याचिकाएं दायर है वहीं आज सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा. आज पता चलेगा कि इस कानून का भविष्य क्या होगा? क्या इस कानून पर रोक लगेगा या यह बरकरार रहेगा? मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी।
बता दें कि याचिका दायर करने वालों का कहना है कि यह कानून मुसलमानों के साथ पक्षपातपूर्ण है. यह देश के संविधान के मूल सिद्धांतो के खिलाफ है.
बता दें कि यह याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने दायर करवाई थी और सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जाबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच के सामने इस याचिका पर सुनवाई करने की अपील की थी.
IUML ने याचिका में कहा गया है कि नागरिकता कानून के तहत कुछ धर्मों के लोगों को ही नागरिकता दी जाएगी, जो संविधान के खिलाफ है। IUML के वकील ने इस पर अर्जेंट सुनवाई की बात कही थी.
सीएए कानून का विरोध क्यों?
बता दें कि यह सीएए कानून साल 2019 में बनाया गया था. इस कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम (हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी) शरणार्थियों को, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे को भारत की नागरिकता मिल जाएगी. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि यह कानून उनके साथ भेदभाव कर रहा हैं., जो देश के संविधान का उल्लंघन है।
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