शाह ने मादक पदार्थों की तस्करी में जुटे गिरोह और उनके नेटवर्क की प्रत्येक स्तर पर जांच करने की जरूरत पर जोर दिया।
बेंगलुरु : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि महासागर में सुरक्षा को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि अधिकतर नशीले पदार्थ समुद्री मार्ग से पाकिस्तान भेजे जाते हैं और उन्हें ईरान के जरिये श्रीलंका और अफ्रीका ले जाया जाता है। शाह ने कहा कि नशीले पदार्थों की समस्या से निपटना केवल केंद्र ही नहीं, बल्कि राज्यों, समाज और आम नागरिकों की भी जिम्मेदारी है।
उन्होंने ‘नशीले पदार्थों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’ विषय पर आयोजित दक्षिणी राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों के क्षेत्रीय सम्मेलन में कहा, ‘‘नशीले पदार्थों की कम से कम 60-70 प्रतिशत तस्करी समुद्री मार्ग से ही होती है।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘हमें ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक नजर रखने की जरूरत है, ताकि नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए।’’
शाह ने मादक पदार्थों की तस्करी में जुटे गिरोह और उनके नेटवर्क की प्रत्येक स्तर पर जांच करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम किसी बड़ी मछली को पकड़ते हैं, तो हमें नीचे तक नेटवर्क की पूरी श्रृंखला की जांच करने की आवश्यकता होती है। जब हम नशे के आदी किसी एक व्यक्ति को पकड़ते हैं, तो हमें उन लोगों की जांच करने की भी आवश्यकता होती है, जिन्होंने उसे इसकी आपूर्ति की है। अगर नशे पर काबू नहीं पाया गया, तो यह शरीर में एक लाइलाज ‘अल्सर’ बन जाएगा।’’
अमित शाह ने कहा, ‘‘हमने नशा मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। हमारे पास 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने और 2025 में 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है। नशा मुक्त समाज इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की नींव है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी सरकारों को हाथ मिलाना चाहिए। हमें नशे के खात्मे के अभियान को जनसंघर्ष बनाना है।’’
शाह ने राजस्व, समाज कल्याण, शिक्षा और संस्कृति जैसे सभी सरकारी विभागों से नशे के खिलाफ अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों का पता लगाना, उनकी तस्करी के नेटवर्क को नष्ट करना, अपराधियों को हिरासत में लेना और जिन लोगों को नशे की आदत लग चुकी है, उनके पुनर्वास की प्रक्रिया नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई के चार स्तंभ हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है कि दोषियों की हिरासत को बहुत हल्के में लिया जाता है। हम उनके खिलाफ सख्त नहीं हो रहे हैं। हमें मादक पदार्थों के मामले को अलग करके नहीं देखना चाहिए। हमें इससे संवेदनशील तरीके से निपटना होगा। आपको नशीले पदार्थों का पता लगाने, नेटवर्क को नष्ट करने, दोषियों को हिरासत में लेने और नशे की लत के शिकार लोगों के पुनर्वास के माध्यम से सामूहिक रूप से लड़ना होगा। ’