TrumpTarrif on India: भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लागू, ₹5.4 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट प्रभावित, किन-किन सेक्टर पर होगा असर?

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TrumpTarrif on India: भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लागू, ₹5.4 लाख करोड़ का एक्सपोर्ट प्रभावित, किन-किन सेक्टर पर होगा असर?
Published : Aug 27, 2025, 4:42 pm IST
Updated : Aug 27, 2025, 4:42 pm IST
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50% US tariff imposed on India, exports worth ₹5.4 lakh crore affected, news in hindi
50% US tariff imposed on India, exports worth ₹5.4 lakh crore affected, news in hindi

कपड़ा, जेम्‍स एंड ज्‍वेलरी, झींगा, कालीन और फर्नीचर जैसे सेक्‍टर्स में एक्‍सपोर्ट में 70 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।

Trump Tarrif on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो आज से लागू हो गई है। इस टैरिफ के कारण भारत के लगभग ₹5.4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकते हैं। ज्वेलरी और कपड़ों की मांग 70% तक घट सकती है, जिससे नौकरियों पर भी संकट आ सकता है। (50% US tariff imposed on India News in Hindi) 

ग्‍लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार अमेरिकी टैरिफ से 60.2 अरब डॉलर प्राइस के भारतीय एक्‍सपोर्ट पर असर पड़ने की आशंका है. कपड़ा, जेम्‍स एंड ज्‍वेलरी, झींगा, कालीन और फर्नीचर जैसे सेक्‍टर्स में एक्‍सपोर्ट में 70 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है, जिससे लाखों नौकरियों पर संकट आ सकता है। आइए समझते हैं टैरिफ से 10 बड़े नुकसान क्‍या-क्‍या हो सकते हैं।

इन क्षेत्रों पर  प्रभाव पड़ने की उम्मीद है:

ज्वेलरी और कपड़े: 
अमेरिका में 50% टैरिफ लागू होने से भारतीय प्रोडक्ट्स जैसे कपड़े, जेम्स-ज्वैलरी, फर्नीचर और सी फूड महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग में 70% तक की कमी आ सकती है। टैरिफ बढ़ने से भारतीय सामानों की कीमतें बढ़ जाएंगी, जबकि चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे देशों के सामान कम टैरिफ के कारण सस्ते दाम पर बेचे जाएंगे, जिससे भारतीय सामानों की मांग कम हो जाएगी।

फार्मास्यूटिकल्स:  
अमेरिका में 50% टैरिफ लागू होने से इस क्षेत्र पर कम प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि भारत का 12.2 अरब डॉलर का दवा निर्यात टैरिफ से अलग रखा गया है। यह प्रभाव निम्नलिखित रूपों में हो सकता है: 
- किफायती दवाओं की कमी: भारतीय फार्मा उत्पादों पर टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी बाजार में इन दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे किफायती दवाओं की उपलब्धता कम हो सकती है।
- निर्यात में कमी: फार्मास्यूटिकल्स पर टैरिफ बढ़ने से भारतीय फार्मा उत्पादों का निर्यात कम हो सकता है, जिससे भारतीय फार्मा उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

प्रतिस्पर्धा में कमी
अमेरिका में 50% टैरिफ लागू होने से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा में कमी आ सकती है, जिससे अमेरिकी बाजार में इनकी मांग कम हो सकती है। टैरिफ बढ़ने से भारतीय उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे वे अन्य देशों के उत्पादों की तुलना में कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे

आईटी क्षेत्र
अमेरिका में 50% टैरिफ लागू होने से आईटी क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, हालांकि यह प्रभाव प्रत्यक्ष नहीं होगा। आईटी क्षेत्र पर प्रभाव निम्नलिखित रूपों में हो सकता है:
- अप्रत्यक्ष प्रभाव: टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी कंपनियों की लागत बढ़ सकती है, जिससे उनके आईटी बजट पर असर पड़ सकता है।
- मांग में कमी: टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी कंपनियों की आय कम हो सकती है, जिससे उनके आईटी सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है।
- प्रतिस्पर्धा में कमी: टैरिफ बढ़ने से भारतीय आईटी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता कम हो सकती है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो अमेरिकी बाजार में अपनी सेवाएं प्रदान करती हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स: 
अमेरिका में 50% टैरिफ लागू होने से इलेक्ट्रॉनिक्स पर प्रभाव पड़ने की संभावना कम है। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योगों पर टैरिफ का प्रभाव कम हो सकता है क्योंकि उन्हें छूट प्राप्त है या उनकी घरेलू मांग मजबूत है।

टैरिफ की वजह से 10 लाख नौकरियों पर खतरा  
अमेरिकी टैरिफ से देश में 10 लाख रोजगार को खतरा हो सकता है। उद्योग प्रभावित होने से आय कम होगी, काम कम होगा, जिसकी वजह से नौकरियां भी कम होगी। CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि भारत भी अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर 50% जवाबी टैरिफ लगाए। वहीं निर्यातकों को अमेरिका के बजाए दूसरे विकल्प तलाशने की सलाह दी गई है।

बृजेश गोयल ने बताया कि बढ़े हुए टैरिफ के चलते दूसरे देशों के मुकाबले में भारतीय माल अमेरिका में 35% तक महंगा हो जाएगा जिसके कारण वहां के खरीददार भारत के मुकाबले में दूसरे देशों को तवज्जो देंगे, सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल के मुताबिक 48 अरब डॉलर से ज्यादा का भारतीय निर्यात इससे प्रभावित हो सकता है। सीटीआई महासचिव राहुल अदलखा और राजेश खन्ना के मुताबिक भारत अमेरिका को 53% फार्मास्युटिकल, 53% वस्त्र एवं परिधान, 37% रत्न और आभूषण, 28% ऑटो कंपोनेंट, 13% केमिकल, 22% सीफूड आदि का निर्यात करता है .  

मार्च और जुलाई 2025 के बीच भारतीय अधिकारियों के साथ 5 दौरे की गहन चर्चा ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. वार्ता के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारतीय आयातों पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया। अब ये टैरिफ 50 फीसदी हो चुका है. ऐसे में व्‍यापारिक तनाव बढ़ने से ट्रेड डील में और बाधाएं आ सकती हैं।

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