फ़िल्म 'सिर्फ़ एक बंदा काफ़ी है ' की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है।
पटना : भारत के सबसे बड़े घरेलू OTT प्लेटफॉर्म और विभिन्न भाषाओं की कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाने वाले ZEE5 ने हाल ही में बेहद मनोरंजक कोर्टरूम ड्रामा 'सिर्फ़ एक बंदा काफ़ी है' का प्रीमियर किया। अपूर्व सिंह कार्की के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म में मनोज बाजपेयी ने मुख्य किरदार निभाया है। फ़िल्म को मीडिया और दर्शकों की एक समान तारीफ मिली है, साथ ही यह ZEE5 की सभी फिल्मों में सबसे जल्दी 400 मिलियन से ज्यादा व्यूइंग मिनट के साथ स्ट्रीमिंग चार्ट में सबसे ऊपर है।
विनोद भानुशाली की भानुशाली स्टूडियोज़ लिमिटेड ZEE स्टूडियोज़ और सुपर्ण एस. वर्मा द्वारा प्रोड्यूस की गई फ़िल्म 'सिर्फ़ एक बंदा काफ़ी है ' की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है। यह एक कोर्टरूम ड्रामा है जिसमें मनोज बाजपेयी ने पी.सी. सोलंकी नाम के एक वकील की भूमिका निभाई है। यह कहानी एक आम इंसान की है जो पेशे से हाई कोर्ट में वकील है, और अपने बलबूते पर देश में भगवान का दर्जा पाने वाले सबसे बड़े धर्मगुरु के खिलाफ़ एक असाधारण मुक़दमा लड़ता है, जिसे अंत में उस धर्मगुरु को POCSO एक्ट के तहत एक नाबालिग के बलात्कार के जुर्म की सज़ा दिलाने में कामयाबी मिलती है।
फिल्म की सफलता के बाद मनोज बाजपेयी पटना के मशहूर टूरिस्ट लोकेशन गांधी घाट पर आशीर्वाद लेने पहुंचे जहाँ उन्होंने बोट राइड भी की। उन्होंने गंगा पथ पर पोस्ट ग्रेजुएट चाय वाली से भी मिले और उनकी यात्रा के बारे में उनसे बातचीत की।
अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा, सिर्फ़ एक बंदा काफ़ी है की कहानी हमारे समाज में महिलाओं की हिफाज़त के बेहद अहम मुद्दे से जुड़ी है। यह हमारे समाज का आईना है और बेहद कड़वी सच्चाई को दर्शाता है। इस फिल्म का विषय बेहद संवेदनशील है, इसी वजह से इस कहानी को दर्शकों तक पहुँचाने में हमें कई सालों तक कड़ी मेहनत और रिसर्च करनी पड़ी। हमें खुशी है कि दर्शकों ने फिल्म की कहानी से जुड़ाव महसूस किया और फिल्म से उन्हें प्रेरणा मिली। यह हमारे लिए गौरव का लम्हा है, क्योंकि इस फिल्म को लोगों की शानदार प्रतिक्रिया और हर ओर से भरपूर तारीफ मिल रही है। उम्मीद है कि यह सकारात्मक प्रतिक्रिया आगे भी देखने को मिलेगी।
अब हिंदी, तमिल और तेलुगु में सिर्र्फ ZEE5 पर सिर्फ़ एक बंदा काफ़ी है की स्ट्रीमिंग का आनंद लीजिए!