जाने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अवॉर्ड ऑस्कर से जुड़ी दिलचस्प बातें , आखिर कैसे पड़ा ऑस्कर नाम

खबरे |

खबरे |

जाने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अवॉर्ड ऑस्कर से जुड़ी दिलचस्प बातें , आखिर कैसे पड़ा ऑस्कर नाम
Published : Mar 13, 2023, 4:11 pm IST
Updated : Mar 13, 2023, 4:11 pm IST
SHARE ARTICLE
OSCAR
OSCAR

 95वें ऑस्कर सेरेमनी में भारत ने पहली बार दो अवॉर्ड जीते है।

New Delhi: ऑस्कर अकादमी पुरस्कार को ही ऑस्कर अवॉर्ड्स के नाम से जाना जाता है. ये एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा और सम्मानित अवॉर्ड है. और इस बार ऑस्कर में भारत ने खूब धूम मचाया है।  95वें ऑस्कर सेरेमनी में भारत ने पहली बार दो अवॉर्ड जीते है। फिल्म RRR के गाने नाटू-नाटू ने बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड जीता तो  वहीं, द एलिफेंट व्हिस्परर्स बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म बनी। इस तरह भारत ने इस बार ऑस्कर में इतिहास रच दिया है। 

तो आइए इस मौके पर जानते हैं एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अवॉर्ड ऑस्कर का इतिहास ... 

वैसे तो ऑस्कर को लेकर कई सवाल हैं, जैसे कि ऑस्कर कब शुरू हुआ, किसने शुरू किया, आखिर क्यों है यह एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री कासबसे बड़ा फिल्म अवॉर्ड है , ऑस्कर के लिए फिल्मों का चुनाव कैसे होता है? क्या कलाकारों को ट्राफियां देकर भुगतान किया जाता है? 

आपको बता दें कि आज तक यह रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस अवॉर्ड का नाम ऑस्कर क्यों रखा गया। यहां तक ​​कि ऑस्कर समिति ने भी इसे कभी मंजूरी नहीं दी।

ऑस्कर अवॉर्ड की नींव 1927 में रखी गई थी। और इस अवॉर्ड का पहला नाम एकेडमी अवॉर्ड है. अमेरिका के MGM स्टूडियो के प्रमुख लुईस बी मेयर ने  अपने तीन दोस्तों, अभिनेता कोनराड नागल, निर्देशक फ्रेड निब्लो और फिल्म निर्माता फेड बिटसन के साथ, एक समूह बनाने की योजना बनाई  जो पूरे उद्योग को लाभान्वित करेगा। उनका मानना  था कि फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अवॉर्ड की शुरुआत की जानी चाहिए। और इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को इसमें शामिल करना जरूरी था।

बता दें कि इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए हॉलीवुड के करीब  36 मशहूर लोगों को लॉस एंजिलिस के एंबेसडर होटल में बुलाया गया था और  उनके सामने "इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर ऑफ आर्ट एंड साइंस" बनाने का प्रस्ताव रखा गया। सब इस बात के लिए मान गए। मार्च 1927 तक इसके अधिकारी चुने गए। इसके अध्यक्ष हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता डगलस फेयरबैंक्स थे। 11 मई, 1927 को, 300 उल्लेखनीय लोगों के लिए एक भोज आयोजित किया गया था, जिनमें से 230 ने $100 में अकादमी की आधिकारिक सदस्यता प्राप्त की।  

प्रारंभ में अवॉर्ड को 5 कैटेगरी प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, एक्टर, टेक्नीशियन और राइटर में बांटा गया और इस अवॉर्ड को एकेडमी अवॉर्ड्स का नाम दिया गया।

 एकेडमी अवॉर्ड्स की ट्रॉफी तलवार लिए योद्धा की है, जो एक फिल्म रील पर खड़ा है। इसके पीछे सोच यह थी कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने वालों को भी योद्धा जैसा महसूस कराया जाए। इसके लिए सबसे पहले एमजीएम स्टूडियो के आर्ट डायरेक्टर ने तलवार लेकर रील पर खड़े योद्धा बनाकर स्ट्रक्चर तैयार किया। मूर्तिकार जॉर्डन स्टेनली ने संरचना समाप्त की।

सोना चढ़ाया हुआ, 92.5% टिन और 7.5% तांबे से बना, ट्रॉफी 13 इंच लंबी और 3.85 किलोग्राम की थी। पहले आयोजन के दौरान 2701 पुरस्कार वितरित किए गए। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तांबे की कमी के कारण 1938 में लकड़ी की ट्रॉफी बनाई गई थी। हॉलीवुड रूजवेल्ट होटल के ब्लॉसम रूम में हुई प्राइवेट पार्टी में 270 मेहमानों को बुलाया गया था। घटना के लिए टिकट $ 5 थे। न मीडिया, न दर्शक, न भीड़। समारोह 15 मिनट में खत्म हो गया था।

पहले पुरस्कार समारोह के विजेताओं की घोषणा तीन महीने पहले की गई थी। 1930 के दशक से, विजेताओं की सूची पुरस्कार रात 11 बजे मीडिया को जारी की जाती रही है, लेकिन 1940 में लॉस एंजिल्स टाइम्स ने समारोह से पहले विजेताओं की घोषणा की। तब से विजेताओं को एक सीलबंद लिफाफे में प्रकट किया गया था।

पहला बेस्ट एक्टर अवॉर्ड द लास्ट कमांड और द वे ऑफ ऑल फ्लैश के लिए एमिल जेनिंग्स को मिला। एमिल को दो फिल्मों के लिए पुरस्कार मिला, लेकिन अकादमी ने बाद में यह नियम बना दिया कि एक व्यक्ति को केवल एक ही पुरस्कार दिया जाएगा।

एकेडमी अवॉर्ड को अब ऑस्कर पुरस्कार के रूप में जाना जाता है। 1939 से, इसे आधिकारिक तौर पर ऑस्कर नाम दिया गया था, लेकिन इसे इसका नाम कैसे मिला, इसके 3 अलग-अलग थ्योरी हैं।

पहली थ्योरी - अकादमी पुरस्कार की पहली महिला प्रेसिडेंट और अमेरिकन एक्ट्रेस बेट्टे डेविस का दावा था कि ऑस्कर की ट्रॉफी पीछे से देखने पर उनके म्यूजिशियन पति हार्मन ऑस्कर नेल्सन जैसी दिखती है, इसलिए इस अवॉर्ड का नाम ऑस्कर पड़ गया।

दूसरी थ्योरी- हॉलीवुड गपशप लेख लिखने वाले एक स्तंभकार सिडनी स्कोल्स्की ने दावा किया कि ऑस्कर उपनाम अकादमी पुरस्कारों के लिए दिया गया था। उन्होंने 1934 के एक लेख में पुरस्कार के लिए ऑस्कर उपनाम का इस्तेमाल किया।

तीसरी थ्योरी-  एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट एंड साइंस के कार्यकारी निदेशक और लाइब्रेरियन मार्गरेट हेरिक ने दावा किया कि ऑस्कर का नाम उनके चाचा ऑस्कर के नाम पर रखा गया था।

हालाँकि, आज तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि तीनों में से कौन सा दावा सही था। एकेडमी ने स्वयं इसके लिए कभी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, बल्कि नाम को अपनाया।

1929-30 में कुल 15 लोगों को ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इससे पहले अकादमी पुरस्कार समारोह में कोई मीडिया नहीं होता था, लेकिन तब से अकादमी पुरस्कार समारोह का कवरेज बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। 1953 में, पहली बार NBC ने समारोह का टीवी पर सीधा प्रसारण किया। कई देशों में प्रसारण के साथ, ऑस्कर को दुनिया भर में पहचान मिलनी शुरू हो गई। 1956 तक यह पुरस्कार केवल हॉलीवुड फिल्मों के लिए था।

1957 में, अकादमी ने सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा श्रेणी बनाई, जिसके बाद भारत सहित सभी देशों ने अपनी फिल्म नामांकन भेजना शुरू किया। जब दुनिया भर की फिल्मों ने ऑस्कर में प्रवेश किया और एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की, तो ऑस्कर को उच्चतम स्तर का माना गया।

भारत में ऑस्कर में भेजे जाने के लिए फिल्मों का चयन कैसे किया जाता है?

  दो तरीके हैं - पहले एक फिल्म जो भारत सरकार की ओर से आधिकारिक प्रविष्टि है। दूसरी व्यक्तिगत प्रविष्टि।

- 1958 में पहली बार फिल्म मदर इंडिया को भारत से ऑस्कर के लिए भेजा गया था। मदर इंडिया ने शीर्ष 5 नामांकन में जगह बनाई, लेकिन पुरस्कार नहीं जीत पाई।
1982- फिल्म गांधी के लिए भानु अथिया को बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइनर का अवॉर्ड मिला।

1991 - फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को 'ऑनरेरी लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार मिला।

2008 - ए.आर. रहमान को फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के गाने 'जय हो' के लिए बेस्ट ओरिजिनल स्कोर की श्रेणी में 2 अवॉर्ड मिले। दूसरा सर्वश्रेष्ठ मूल गीत का पुरस्कार ए.आर. रहमान ने गुलजार के साथ साझा किया।

Location: India, Delhi, New Delhi

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM

जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर, मंच बंद

19 Dec 2024 5:30 PM

जगजीत सिंह डल्लेवाल के पक्ष में खनौरी बॉर्डर पहुंचे मूसेवाला के पिता

19 Dec 2024 5:28 PM

ਧਾਮੀ 'ਤੇ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਸਖ਼ਤ ਐਕਸ਼ਨ, ਬੀਬੀ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦੀ ਮੰਗ ਤੋਂ ਬਾਅਦ Raj Lali Gill ਦਾ Exclusive Interview

18 Dec 2024 5:42 PM

18 ਸਾਲ ਪੁਰਾਣੇ ਘਰੇਲੂ ਝਗੜੇ ਬਾਰੇ Jathedar ਦੇ ਵੱਡੇ ਖ਼ੁਲਾਸੇ - Bathinda Jathedar Harpreet Singh|Viral Video

18 Dec 2024 5:39 PM