रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो दरबार साहिब के सामने किसी धरने का नहीं है।
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सफेद साड़ी पहने महिलाओं को श्री दरबार साहिब अमृतसर के बाहरी परिसर में नशे के खिलाफ बैनर पकड़े देखा जा सकता है। अब दावा किया जा रहा है कि लोगों के एक समूह ने दरबार साहिब में नशों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस वीडियो को वायरल करते हुए सम्प्रदायक एंगल दिया जा रहा है।
ट्विटर यूजर परमिंदर कौर ने इस वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "सिखों के खिलाफ सोची समझी साजिश, मुझे नहीं पता कि ये किस संगठन से जुड़े हैं? सिखों के खिलाफ यह नैरेटिव कौन और क्यों गढ़ा जा रहा है? सरकार ने कुछ नहीं करना हमें खुद ही हाथ पैर मारना पड़ेगा।"
ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਵਿਰੁੱਧ ਸੋਚੀ ਸਮਝੀ ਸਾਜਿਸ਼ ,
— Parminder Kaur (@ParminderK86876) June 1, 2023
ਕੁੱਝ ਨਹੀ ਪਤਾ ਆਖਿਰ ਇਹ ਕਿਹੜੀ ਸੰਸਥਾ ਨਾਲ ਸੰਬੰਧਤ ਹਨ ?
ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਇਹ ਬਿਰਤਾਂਤ ਕੌਣ ਤੇ ਕਿਉਂ ਰੱਚਿਆ ਜਾ ਰਿਹਾ?
ਸਰਕਾਰਾਂ ਨੇ ਕੁੱਝ ਨਹੀ ਕਰਨਾ ਸਾਨੂੰ ਆਪ ਨੂੰ ਹੀ ਹੱਥ-ਪੱਲਾ ਮਾਰਨਾ ਪੈਣਾ।✍️
ਪਰਮਿੰਦਰ ਕੌਰ pic.twitter.com/O0Qr3hOYCG
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो दरबार साहिब के सामने किसी धरने का नहीं है। यह वीडियो ब्रह्माकुमारी संस्था के लोगों का है जिन्होंने दरबार साहिब अमृतसर से दुर्गियाना मंदिर तक नशे के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली थी। यह किसी विरोध का वीडियो नहीं है।
स्पोक्समैन की पड़ताल;
पड़ताल शुरू करते वक्त हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा। हमने पाया कि वीडियो में बड़े बैनरों पर "नशा मुक्त भारत अभियान" लिखा हुआ है।
इस मामले की जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया। हमें पता चला कि यह केंद्र द्वारा चलाया जा रहा अभियान है। हमें इस अभियान में योगदान देने वाले विभिन्न संगठनों के पोस्ट मिले। ऐसा ही एक वीडियो हमें मिला जिसमें महिलाओं को एक जैसे कपड़े पहने देखा जा सकता है और हमने यह भी पाया कि इस पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो में भी वायरल वीडियो में नज़र आ रहे झंडे देखे जा सकते हैं।
हमें 29 अप्रैल 2023 का एक वीडियो मिला, जिसे झार न्यूज नाम के एक पेज द्वारा शेयर किया गया था। वीडियो के साथ कैप्शन लिखा गया था, ""नशा मुक्त भारत अभियान के तहत लातेहार थाना चौक मे नुक्कड़ नाटक करके समाज में एक अच्छा संदेश दिया जा रहा है"
इस वीडियो में महिलाओं को एक जैसे कपड़े पहने देखा जा सकता है और हमने यह भी पाया कि इस पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो में भी वायरल वीडियो में नज़र आ रहे झंडे देखे जा सकते हैं।
अब हमने इस जानकारी के आधार पर खबर ढूंढनी शुरू की तो इस नुक्कड़ नाटक की खबर मिली जिसमें बताया गया कि इस नुक्कड़ नाटक का आयोजन ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा किया गया था।
इस मामले पर हमने ब्रह्माकुमारी संस्था के दफ्तरों में बात की। हमने इस संस्था के अमृतसर कार्यालय में भी बात की। संगठन के एक कर्मचारी गुरशरण ने हमसे बात करते हुए वायरल दावे का खंडन किया और कहा कि वायरल किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है। हमने किसी भी सिख के खिलाफ विरोध नहीं किया है। यह पूरे भारत में हमारा चल रहा अभियान है।
इस वीडियो के बारे में बात करते हुए गुरशरण ने कहा, "यह एक रैली का हिस्सा है जो श्री दरबार साहिब अमृतसर से शुरू हुई और रैली दुर्गियाना मंदिर तक गई थी। रैली की शुरुआत अमृतसर के पुलिस कमिश्नर ने की थी। हमने दरबार साहिब के सामने सिख कौम के खिलाफ कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया है।"
इस संस्था के सीनियर पवन गुप्ता ने इस मामले की कई तस्वीरें और वीडियो व्हाट्सएप पर हमारे साथ साझा कीं। पवन ने इस रैली के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स भी हमारे साथ साझा कीं।
Rally Image 1
Rally Image 2
मतलब साफ था कि नशे के खिलाफ रैली को अब धार्मिक सांप्रदायिक रंग देकर भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो दरबार साहिब के सामने किसी धरने का नहीं है। यह वीडियो ब्रह्माकुमारी संस्था के लोगों का है जिन्होंने दरबार साहिब अमृतसर से दुर्गियाना मंदिर तक नशे के खिलाफ जागरूकता रैली निकाली थी। यह किसी विरोध का वीडियो नहीं है।