Tech News: नई तकनीक में बोलबाला झूठ का, डीपफेक से रहे सतर्क

खबरे |

खबरे |

Tech News: नई तकनीक में बोलबाला झूठ का, डीपफेक से रहे सतर्क
Published : Feb 29, 2024, 12:47 pm IST
Updated : Feb 29, 2024, 12:47 pm IST
SHARE ARTICLE
beware of deepfakes news in hindi Lies are prevalent in new technology
beware of deepfakes news in hindi Lies are prevalent in new technology

दावा है कि वे भ्रामक सूचनाओं और डीपफेक को रोकने के लिए कटिबद्ध हैं।

Tech News:  इंटरनेट से लेकर प्रिंट मीडिया तक इन दिनों एक विज्ञापन खूब दिख रहा है। जारी करने वाली इंटरनेट मोडिया कंपनियां अलग-अलग हैं, मगर स्वर एक ही है, 'फेक कंटेंट से लड़ाई। दावा है कि वे भ्रामक सूचनाओं और डीपफेक को रोकने के लिए कटिबद्ध हैं। उनके अनुसार हजारों प्रशिक्षित व्यक्ति लगाए गए हैं, को पार्टनरशिप की गई हैं। दावा यह कि फर्जी जानकारियां और दृश्य श्रव्य सामग्री बश्यकता को इंटरनेट मीडिया पर फैलने से इसकी रोकने के लिए कोई कोर-कसर बाकी रूरी है, नहीं छोड़ी जाएगी।

डीपफेक का जालः अब जरा अपनी जरूरत के हिसाब से सही की-वर्ड डालिए और सामने आते हैं वे सर्विस प्रोवाइडर्स, जो आपके लिए डीपफेक पोडियों और कंटेंट बनाने को तैयार वीडियो और कंटेट बनाने के लिए तैयार बैठे है. बंदे भले ही जयपुर, कोच्चि, कोलकत्ता, दिल्ली एनसीआर में है मगर अधिकांशत:उनका साइबर ठिकाना विदेशी है और काम के हिसाब कीमत 200 से 600 डालर के बीच, अदा करनी होगी।

एआइ माडल का दुरुपयोग: 

महाभारत काल से छद्म सत्य अथवा कूटरचना को नैतिकता के शंखनाद का समर्थन दिया जाता रहा है और इस चुनावी महाभारत में भी यही हो रहा है। गूगल, मेटा, इंस्टा वाट्‌सएप, एक्स आदि इंटरनेट दिग्गजों को विविध देशों में सत्ता अस्थिर करने के प्रयासों को तटस्थ समर्थन और अप्रिय हस्तक्षेप किसी से छुपा नहीं है। अपने एआइ एप्लीकेशन जेमिनी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में आपत्तिजनक जानकारी देने के मुद्दे पर गूगल अभी-अभी फटकार खा चुका है और वाट्सएप को तो जमाने से ही फेक यूनिवर्सिटी को क संज्ञा मिली हुई है।

 तय हो जिम्मेदारी 

जवाबदेही से बचती रही ये कंपनियां अगर अचानक ही 'पवित्र लोकतंत्र में रुचि दिखाते हुए प्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए कटिबद्ध है तो इसके पीछे सरकारी कड़ाई ही  है। उनके उलट डीपफेक वीडियो और कंटेंट बनाने वाले भी बड़ी नैतिकता कि बात कह रहे हैं कि ये तो इसलिए बना बेच रहे हैं कि प्रत्साशी और पार्टी समर्थकों से भावनात्मक बना सकेें. 

बचना है भावनात्मक भ्रम से:
इस बार राजनीतिक मतदाताओं को भावनात्मक भ्रम में उलझाएगी और उनका समर्थन  प्राप्त करने की कोशिश करेगी. डीपफेक की ताकत मिलने से यह मायाजाल बहुत बड़ा हो गया है. चिंता पूरे विश्व में है, क्योंकि इस साल भारत समेत 80 देशों में आम चुनाव है. यानी कि विश्व की आधी जनसंख्या मताधिकार का प्रयोग करेगी और उन्हें प्रभावित करने के लिए डीपफेक वीडियो और कंटेंट की मुसलाधार बारिश हो रही है. इनके जांच के प्रोग्राम बनाने वाली कंपनी डीपमिडीया ने 2023 में इनकी संख्या 5 लाख ऊपर पाई ती. आशंका है कि इस वैश्विक चुनावी वर्ष में इसकी संख्यामें 10 गुणा की वृद्धि हो जाएगी. इस अनुपाल को किसी भी नेतिक-विधिक प्रतिरोध द्वारा पूर्णत: निषिद्ध करना असंभव होगा.

स्वयं के स्तर पर सतर्कता

थामसन राइट से फाउडेशन की रिपार्ट बताती है कि एआइ के इस्तेमाल से बंग्लादेश इंडोनेशिया और पाकिस्तान में जिस तरह से चुनाव के पहले ऊजी वीडिया की बाद आई, कुछ नेता कई भाषाओं में बोल रहे थे तो विपक्षी दली द्वारा कुछ के आपत्तिजनक वीडियो और संवाद जानी हो रहे थे, वह न केवल जनमानस को बल्कि अंतिम समय में चुनाव परिणामों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। जहां कदम- कदम पर कूटरचना हो, वहां सहज बोध ही आपका रक्षक-कवच है। 
 

SHARE ARTICLE
Advertisement

 

Ludhiana ਚ ਪਰਵਾਸੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਗੁੰਡਾਗਰਦੀ,ਪਰਵਾਸੀਆਂ ਨੇ ਪੰਜਾਬੀ ਦੇ ਘਰ ਤੇ ਚਲਾਏ ਇੱਟਾਂ ਰੋੜੇ, Video Viral

23 Dec 2024 5:49 PM

ਮਿੰਟੋ ਮਿੰਟੀ ਸਸਪੈਂਡ ਕਰਨ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਹੁਕਮ, Haryana ਦੇ Minister Anil Vij ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਝਾੜਿਆ ਪੁਲਿਸ ਵਾਲ਼ਾ

23 Dec 2024 5:48 PM

ਕੀ ਕਹਿ ਕੇ ਘਰੋ ਗਿਆ ਸੀ ਕਲਾਨੌਰ ਦਾ Gurvinder Singh?UP Pilibhit Encounter ਚ Gangster ਦਾ Family Statement

23 Dec 2024 5:46 PM

ਕਿਹੜਾ ਕਾਨੂੰਨ ਬਣਨ ਨਾਲ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਹੋ ਸਕਦਾ ਹੈ ਲਾਭ ? Kisan leader Rakesh ਟਿਕੈਟ ਹੋ ਗਏ Live

20 Dec 2024 5:53 PM

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM