उन्होंने कहा कि इनको ये नहीं मालूम है कि 10 लाख नौकरी देने का क्या खर्चा होगा और किस तरह नौकरियां दी जाएंगी।
पटना : जन सुराज पदयात्रा के 151वें दिन की शुरुआत सिवान के हुसैनगंज प्रखंड अंतर्गत खरसंडा पंचायत स्थित पदयात्रा शिवर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। उसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से संवाद किया। मीडिया संवाद के दौरान उन्होंने अपने पदयात्रा का अनुभव साझा किया। जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर 2 अक्तूबर 2022 से लगातार बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अबतक 1600 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर लोगों की समस्यायों को सुनते हैं और उसका संकलन करते हैं। साथ ही वे समाज के सभी सही लोगों को एक मंच पर आकर विकसित बिहार बनाने के लिए एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का भी आह्वान करते हैं।
प्रशांत किशोर ने मीडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए नौकरी और रोजगार के मुद्दे पर कहा कि हम ऐसा कोई वादा नहीं करते हैं, जो पूरा न हो सके। महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि हम सत्ता मे आएंगे तो पहली कैबिनेट मे 10 लाख नौकरियां देंगे लेकिन उसकी सच्चाई आप सभी लोगों के सामने है। उसके बाद माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को कहा कि वो 10 लाख लोगों को नौकरियां दे देंगे, लेकिन मैंने खुली चुनौती दी हुई है कि ये दोनों मिलकर भी यदि 1 साल के अंदर बिहार के 10 लाख लोगों को नौकरियां दिला दें तो पूरा अभियान उनके समर्थन मे वापस ले लूंगा और उनके नाम का झंडा लेकर चलूंगा।
उन्होंने कहा कि इनको ये नहीं मालूम है कि 10 लाख नौकरी देने का क्या खर्चा होगा और किस तरह नौकरियां दी जाएंगी। इसमें गलती सिर्फ नेताओ की नहीं है कि वो झूठे वादे कर रहे हैं, गलती हम सब की है की उनके झूठे वादों पर विश्वास कर रहे हैं। तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने जब ये घोषणा की कि वो 10 लाख नौकरिया दे देंगे तो हमको ये सोचना चाहिए था की पिछले 32 सालों से नीतीश और लालू यादव ने सरकार चलाई तब आप नौकरी नहीं दे पाए तो अब कैसे दे देंगे। ये बात तो भरी दोपहरी में आँखों मे धूल झोंकने वाली है।
मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार की योजनाओं पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत अभियान की बिहार मे बदहाली ऐसी है की पेपर पर ODF घोषित होने के बावजूद भी बिहर में आज खुले में शौच हर गांव की हकीकत है।