पीठ ने कहा कि आदेश की विस्तृत जानकारी शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने 1995 के दोहरे हत्याकांड मामले में बिहार से पूर्व लोकसभा सदस्य प्रभुनाथ सिंह को शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट उन्हें पहले ही दोषी करार दे चुका था. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता में शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 18 अगस्त को सिंह को हत्या के मामले में बरी करने के निचली अदालत और पटना उच्च न्यायालय के फैसलों को पलटते हुए सिंह को दोषी करार दिया था।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली, न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सजा के लिए दलीलों पर सुनवाई के बाद दोषी सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई।
पीठ ने कहा कि आदेश की विस्तृत जानकारी शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। यह मामला बिहार के सारण जिले के छपरा में मार्च 1995 में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन दो लोगों की हत्या से जुड़ा है। शीर्ष अदालत ने बिहार के महाराजगंज क्षेत्र से कई बार सांसद रह चुके सिंह को दोषी करार देते हुए कहा था कि इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि सिंह ने अपने खिलाफ सबूतों को ‘‘मिटाने’’ के लिए किये गये हरसंभव प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।