जदयु द्वारा इनकी हैसियत और महत्व बढ़ाने के लिए यह प्रचार किया जा रहा है।
पटना: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उत्तर प्रदेश के फूलपुर से चुनाव लड़ने की अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि 26 दलों के विपक्षी गठबंधन को भ्रमित करने की योजना का यह हिस्सा है।
सिन्हा ने कहा कि देश के लोगों ने देखा है कि किस प्रकार विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार बने नीतीश कुमार को बंगलौर की दूसरी बैठक में ही कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर दिया और इन्हें कोई महत्व नहीं दिया। पटना से बंगलौर तक की दूसरी बैठक में इन्हें संयोजक बनाने की चर्चा हो रही थी परंतु वह नहीं हुआ। अब जदयु द्वारा इनकी हैसियत और महत्व बढ़ाने के लिए यह प्रचार किया जा रहा है।
सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2022 के यूपी चुनाव में एक-आध जगह को छोडकर बाकी जगह जनता दल युनाईटेड की सभी सीटों पर जमानत जब्त हुई थी। यदि युपी की जनता इनको इतना चाहती थी तो धनंजय सिंह के जैसे बाहुबली नेता क्यों चुनाव हार गये जाति के आधार पर जदयु युपी में प्रवेश करना चाहती है। पर इन्हें पता होना चाहिये कि इनकी जाति भी बढचढ कर यूपी में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व मे भाजपा को ही वोट देती है।
सिन्हा ने कहा कि बिहार में अकेले दम पर चुनाव नहीं जीतने वाली पार्टी जदयु ख्याली पुलाव पका रही है। चुनाव जीतने के लिये इनको कभी भाजपा तो कभी राजद का ही सहारा चाहिये। सिद्धांत की तिलांजलि देकर जदयु एवं इनके नेता आज अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के संकट में है।
सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री पद प्राप्त करने के लिए बैचेन राजद के लिये यह झुठा प्रचार मरहम एवं आशा के रुप में प्राप्त किया जा रहा है। अंदर से परेशान जदयु इसी प्रचार में लग गयी है कि लोक सभा चुनाव के बाद नीतीश जी तेजस्वी जी को गद्दी सौप देगे। लेकिन भाजपा के सभी कार्यकर्त्ता जानते है कि ये बिहार से भी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ने वाले है। 18 वर्षो से विधान परिषद का सदस्य रहकर पिछले दरवाजे से शासन करना इनकी आदत हो गयी है। लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू की भारी हार होगी।फिर महागठबंधन के नाम पर महाठगबन्धन की सरकार को भी गद्दी छोड़ना पड़ेगा।