मछुआरों के रोजगार में भारी कमी आएगी।
Patna: पुनाईचक में अवस्थित बिहार निषाद संघ के प्रदेेश कार्यालय से संघ के प्रदेेश अध्यक्ष ई. हरेंद्र प्रसाद निषाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार के मछुआरों की जीविका के साधन की हकमारी की जा रही है। नदियों में नाव घाट परिचालन निषादों का पैतृक रोजगार था हाल ही में विधान सभा में एक विधेयक की मंजूरी मिली है जिसके अनुसार नाव-घाट परिचालन, प्रबंधन, वंदोवस्ती एवं नियंत्रण का अधिकार स्थानीय पंचायतों एवं शहरी निकायों द्वारा किया जाएगा। ऐसा वंदोवस्ती होने से दबंग लोगों का कब्जा होगा। निषाद समाज के लोग बेरोजगार होंगे। यह भी विदित हुआ है कि प्रत्येक पंचायत में मछुआ समिति के गठन करने हेतु जिलाधिकारी को आदेश दिया गया है जब कि प्रत्येक प्रखंडों में पूर्व से मछुआ समिति काम कर रही है। इससे भी मछुआरों के रोजगार में भारी कमी आएगी।
इधर सरकारी नियमों को ताक पर रखकर राज्य के जलकरों की वंदोवस्ती खुली डाक से होने जा रही है जब कि बिहार जलकर प्रबंधन अधिनियम के अनुसार सभी जलाशयों को प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी समितियों के साथ वंदोवस्त करने का प्रावधान है किन्तु पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग जलाशयों,तालाबों एव सदाबहार नदियों की वंदोवस्ती खुले डाक से कर रहा है।
अभी हाल में रोहतास जिले के इन्द्रपुरी जलाशय, महादेवा जलाशय, विजवाही जलाशय एवं भैसहां जलाशयों की वंदोवस्ती खुली डाक से होने जा रही है। कैमुर जिला के दुर्गावती जलाशय, एवं जगदहवा जलाशय का भी वंदोवस्ती खुले डाक से होना है।राज्य के गलत नीतियों से राज्य के मछुआरों को जीविका विहीन किया जा रहा है।मछुआरें भुखमरी के शिकार होगें ।संघ के प्रधान महासचिव अवध कुमार चौधरी ने मुख्य मंत्री से राज्य में जलाशयों की खुली डाक से हो रही वंदोवस्ती को तुरंत रोक लगाकर प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के साथ वंदोवस्त करने की मांग की।अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो बिहार निषाद संघ पुरे बिहार में आन्दोलन शुरू करने के लिए वाद्य होगा।