राज्य सरकार धन राशि को ठीक से खर्च करने में असमर्थ रही है, विशेष रूप से केंद्रीय धन राशि।''
पटना : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने बिहार की आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक रहने के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के दावे को भ्रामक करार देते हुए रविवार को कहा कि कई अन्य राज्य हैं, जो बिहार के बहुत अधिक आगे हैं। यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए पांडा ने कहा, ''राज्य सरकार की लापरवाही के कारण बिहार में कई विकास कार्य बाधित हुए हैं। राज्य सरकार धन राशि को ठीक से खर्च करने में असमर्थ रही है, विशेष रूप से केंद्रीय धन राशि।''
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न विकास गतिविधियों के लिए राशि जारी करती रही है लेकिन बिहार सरकार इसे खर्च नहीं कर पाई है। बिहार सरकार का यह दावा भ्रामक है कि राज्य की आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। कई अन्य राज्य हैं, जो बिहार से आगे हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2023-24 के अपने बजट भाषण में कहा कि केंद्र राज्य सरकारों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण समर्थन जारी रखेगा। पांडा ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान राज्यों द्वारा पूंजीगत योजनाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने के लिए आवंटन को बढ़ाकर 1.05 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि 'हर घर नल का जल' योजना योजना के तहत 12000 करोड़ रुपये को इस्तेमाल करने में बिहार सरकार विफल रही है।
पांडा ने कहा कि केंद्र के बार-बार याद दिलाने के बावजूद बिहार सरकार ने अब तक दरभंगा में प्रदेश के दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना और प्रदेश में 600 करोड़ रूपये का आईटी पार्क के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के विकास में अड़ंगा कौन लगा रहा है। वास्तव में यह नीतीश कुमार सरकार है जो बिहार के विकास के बारे में सबसे कम चिंतित है।’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में पीएमएवाई के तहत बिहार में लगभग 15.79 लाख घरों का निर्माण किया गया है।’’