सूत्रों ने कहा कि कार में सवार आरोपियों को दुर्घटना के कुछ मिनट बाद पता चला कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गयी है।
New Delhi : कंझावला कांड के आरोपियों को पता था कि एक युवती उनकी कार के पहियों के बीच फंसी हुई है। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उसे (महिला को) बचाने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उन्हें डर था कि कोई उन्हें देख लेगा।
अंजलि सिंह (20) की 31 दिसंबर व एक जनवरी की दरमियानी रात को उस वक्त मौत हो गई थी, जब एक कार ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी थी। अंजलि कार के नीचे फंस गई थी। उसे सुल्तानपुरी से कंझावला तक करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था ।
पुलिस के मुताबिक, कार में पांच लोग पार्टी कर रहे थे, जिनमें से एक घटना से पहले वाहन से उतर गया था।
सूत्रों ने कहा कि कार में सवार आरोपियों को दुर्घटना के कुछ मिनट बाद पता चला कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गयी है। हालांकि, उन्होंने पीड़िता को बचाने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे कार से उतरेंगे और पीड़ित को बाहर निकालेंगे तो कोई उन्हें देख लेगा।
उन्होंने कहा कि आरोपियों के बयानों में विरोधाभास है, क्योंकि वे बार-बार बयान बदलते रहे। सूत्रों ने कहा कि इन सभी दावों और बयानों का सत्यापन किया जा रहा है और घटनाओं के ठीक-ठीक क्रम की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त करने के लिए हर कोण की जांच की जा रही है।
पुलिस ने शुरू में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपियों को कथित तौर पर बचाने के आरोप में दो और लोगों - आशुतोष व अंकुश खन्ना- को भी गिरफ्तार किया गया।