इस अवसर पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने नव-नियुक्त पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा और नसीहत भी दी कि जिन्हें जो जिम्मेवारी दी गई है
पटना : वोट बैंक पाॅलिटिक्स की मजबूरी में आज भले ही सारे राजनीतिक दल दलित प्रेम का राग अलाप रहा हो लेकिन दलितों को देश की राजनीति के केन्द्र में लाने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया। यही कारण है कि देश के जो भी महान दलित नेता हुए वे कांग्रेस से हुए। चाहे वे बी.आर. अम्बेडकर हों, बाबू जगजीवन राम हों या अभी के दौर में मल्लिकार्जुन खड़गे और मीरा कुमार। ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष.अखिलेश प्रसाद सिंह ने कही। वे प्रदेश कांग्रेस की अनुसूचित जाति विभाग की नवगठित कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने नव-नियुक्त पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपा और नसीहत भी दी कि जिन्हें जो जिम्मेवारी दी गई है उसे पूरी शिद्दत से निभायें और हर जिले से पांच सौ दलित परिवारों की सूची बनाकर उनकी समस्याओं के बारे में प्रदेश नेतृत्व को बतायें ताकि हम उसके निराकरण के लिए गठबन्धन की अपनी राज्य सरकार से सिफारीश करें।
कांग्रेस लगातार अपनी खोयी जमीन को प्राप्त करने की कामयाब कोशिश कर रही है। इसी सिलसिले में बिहार कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ने प्रदेश में नई कमिटी गठित की है जिसके अन्तर्गत 10 उपाध्यक्ष और 16 राज्य समन्वयक के अलावा 34 जिलों में नये अध्यक्षों की तैनाती की गयी है। प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष व विधायक राजेश कुमार ने बताया कि एक महीने की सलाह मशविरा के बाद राज्य स्तर पर संगठन का पुनर्गठन कर इसे नई ताकत देने की कोशिश की गई है जिसमें इसका ध्यान रखा गया है कि दलित समुदाय के सभी वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि 534 प्रखंडों के अध्यक्ष एवं प्रभारी की नियुक्ति भी इस माह के अंत तक कर दी जाएगी। इस अवसर पर संविधान रक्षक बार कोड भी जारी करने की बात कही गयी जिसके तहत सेव संविधान अभियान चलाया जाएगा।
आज की बैठक में प्रदेश कांग्रेस की ओर से जिन नेताओं ने भाग लिया उनमें विजय शंकर दूबे, लाल बाबू लाल, कपिलदेव प्रसाद यादव, उमेश कुमार राम, विश्वनाथ बैठा, रंजीत कुमार, राहुल पासवान, दयानंद, अर्जुन पासवान, राजू राम, मोती लाल राम, सत्यनारायण चैपाल, साधना रजक, ममता देवी।