चौधरी ने कहा कि पूर्व में भाजपा के ही पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री ने कहा था कि इन शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा कोई सरकार नहीं दे सकती।
पटना: वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शिक्षकों के आंदोलन के संबंध में बताया कि मुख्य मंत्री शिक्षकों की नियुक्ति की नई नियमावली के संबंध में शिक्षकों की आपत्तियों पर विमर्श हेतु विधान मंडल सत्र के बाद नेताओं एवं संगठनों से बात करेंगे। ऐसी परिस्थिति में शिक्षकों से अपील है कि वे कार्य पर लौट जाएं एवं विद्यालय में अपना अध्यापन कार्य जारी रखें। भाजपा इस आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए फरेबी हमदर्दी दिखाकर उनको आगे बढ़ाकर उपद्रव फैलाना चाहती है।
चौधरी ने कहा कि पूर्व में भाजपा के ही पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री ने कहा था कि इन शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा कोई सरकार नहीं दे सकती। फिर आज अचानक इतनी सहानुभूति कहाँ से उपज गई। दूसरी तरफ, भाजपा को यह बताना चाहिए कि समग्र शिक्षा अभियान की राशि जिससे शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान होता है, नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के साढ़े तीन महीने बीत जाने के बावजूद आजतक एक रूपया भी राज्य सरकार को आवंटित क्यों नहीं किया गया है ? पिछले तीन महीने से शिक्षकों को वेतन समय पर देने के लिए राज्य सरकार अपने संसाधन से केन्द्रांश भी दे रही है। इस बार के प्रथम अनुपूरक बजट में भी 6200 करोड़ से अधिक राशि सिर्फ केन्द्रांश की प्रतिपूर्ति के लिए प्रावधानित की गई है। अतः भाजपा नेतागण घड़ियाली आँसू बहाना छोड़ इन शिक्षकों के वेतन मद के तीन महीने का बकाया पैसा दिलवाएँ। शिक्षकों के हितों के प्रति बिहार सरकार खुद संवेदलशील है।