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लालू प्रसाद की पुत्री एवं राजद सांसद मीसा भारती से भी ईडी ने 25 मार्च को इस मामले में पूछताछ की थी।
New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रेलवे में नौकरी पाने के बदले जमीन देने के कथित घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रागिनी यादव का बयान दर्ज किया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। रागिनी यादव पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश हुईं और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया।
कथित घोटाला उस समय हुआ था जब प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-1 सरकार में रेल मंत्री थे। एजेंसियों का आरोप है कि 2004-09 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर विभिन्न व्यक्तियों को नियुक्त किया गया था और इसके बदले में संबंधित व्यक्तियों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और इस मामले में एक लाभार्थी कंपनी ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।
एजेंसी ने इस साल मार्च में रागिनी यादव, उनकी बहनों चंदा यादव और हेमा यादव और पूर्व राजद विधायक अबू दोजाना के पटना, फुलवारीशरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई स्थित परिसरों पर छापे मारे थे। ईडी ने सोमवार को इस मामले में रागिनी यादव के भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया था।
लालू प्रसाद की पुत्री एवं राजद सांसद मीसा भारती से भी ईडी ने 25 मार्च को इस मामले में पूछताछ की थी। उसी दिन तेजस्वी यादव सीबीआई के सामने पेश हुए थे।
दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने हाल ही में मामले में कार्रवाई शुरू की है। सीबीआई ने लालू प्रसाद और उनकी पत्नी तथा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की और ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के यहां छापेमारी की है।
ईडी ने छापेमारी के बाद कहा था कि उसने एक करोड़ रुपये की "अघोषित नकदी" जब्त की है और अपराध से अर्जित 600 करोड़ रुपये का पता लगाया है। ईडी का कहना है कि प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से विभिन्न स्थानों पर रियल एस्टेट समेत विभिन्न क्षेत्रों में किए गए निवेश का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।