घड़ियाली आंसू बहाने से नहीं है फायदा, लालटेन से तेल निकल गया, बूझना तय- संजय ठाकुर
Patna News In Hindi: पटना, जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने कहा है कि राजद नेता तेजस्वी यादव को अब मुस्लिमों की चिंता सताने लगी है और वे उनके अधिकारों को दिलाने की बातें करने लगे हैं।
बत्तीस वर्षों से मुस्लिम भाइयों से बंधुआ मजदूरी कराने वाले राजद सुप्रीमो को आज़ मुस्लिमों की याद आयी है। ठाकुर ने कहा है कि तेजस्वी यादव घड़ियाली आंसू तब बहा रहे हैं जब उन्हें यह एहसास हो गया है कि उनके लालटेन से तेल बनकर जलने वाले मुस्लिम भाई जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार तथा सुप्रसिद्ध गांधी वादी प्रशांत किशोर के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए तेज़ी से शामिल हो रहे हैं।
ठाकुर ने आरोप लगाया है कि बत्तीस वर्षों से झण्डा ढो़वाते रहने के बाद आज़ उन्हें मुसलमान भाइयों की भलाई करने की याद कैसे आ रही है? ठाकुर ने राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बीते दिनों हुई बैठक में जन सुराज को भाजपा की बी टीम बता कर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर की आलोचना करने वाले तेजस्वी यादव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बातें कही। ठाकुर ने कहा कि तेजस्वी खुद भाजपा की बी टीम है जिसका जीवंत प्रमाण उन्होंने संसदीय चुनाव के दौरान पूर्णिया की एक जन सभा में खुलेआम एनडीए के लिए वोट मांग कर दे दिया है। ईडी और सीबीआई का डर इस कदर उनपर हावी रहा कि उन्हें एनडीए के पक्ष में वोट मांगना पड़ा।
ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया है कि राजद कभी मुस्लिमों का हितैषी नहीं रहा। यादव जहां से उम्मीदवार होते हैं वहां तो मुस्लिम मतदाता उन्हें वोट दे देते हैं किन्तु जहां से मुस्लिम उम्मीदवार बनाए जाते हैं वहां आधा से अधिक यादव भाजपा को वोट कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि राजद और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। फर्क इतना है कि भाजपा सामने से मुस्लिमों का विरोध करती है और राजद साथ रख कर मुस्लिमों को धोखा देता है। एम वाई समीकरण अब वाई एम समीकरण हो गया और अब एम का हटता देख राजद की बेचैनी बढ़ गई है। आज़ यहां जारी एक बयान में ठाकुर ने कहा है कि अब मुस्लिम भाइयों का राजद से मोहभंग हो गया है।
बत्तीस वर्षों से उन्हें विकल्प के अभाव में भाजपा का डर दिखाकर ठगा जाता रहा। न तो कभी संगठन में और ना ही सत्ता में उन्हें भागीदारी दी गई। जब जब सरकार बनी डिप्टी सीएम का पद तक उन्हें नहीं दिया गया और ना ही मंत्रीमण्डल में महत्वपूर्ण विभाग दिए गए। टिकट के बटवारे में भी उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया तो संगठन में भी उन्हें पीछे रखा गया। शासन में रहने के बावजूद मुस्लिमों की शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अन्य बेहतरी के उपाय नहीं किए गए। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता खुद तेजस्वी यादव है तो विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष उनकी माता राबड़ी देवी है।
संसदीय चुनाव के प्रचार में भी किसी मुस्लिम नेता को हेलीकॉप्टर में बैठाना तो दूर उन्हे पूछा तक नहीं गया। मात्र दो टिकट देकर उन्हें फुसला दिया गया। ऐसे में वाईएम समीकरण कहां है? ठाकुर ने कहा है कि जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर बार बार कह चुके हैं कि लालटेन का तेल ( मुस्लिम समाज) निकल गया है और अगले विधानसभा चुनाव में लालटेन का बूझना तय है। पीके ने यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी लड़ाई एनडीए से होगी और राजद कोई फैक्टर नहीं होगा।
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