यात्रा के दौरान गुजरात व हिमांचल प्रदेश के चुनाव को अलग थलग रखा गया राहुल गांधी ने इन दोनों प्रदेशों के विधानसभा चुनाव को ...
पटना : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय कार्यकरणी उदयपुर के चिंतन शिविर में भारत जोडो यात्रा निकालने की सिफारिश की गयी थी इसपर विपक्ष ने डुबता हुआ जहाज बताया था आज राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रहे भारत जोडो यात्रा से मिल रही जनसमर्थन से बिहार के कांग्रेसी नेता खुश दिख रहे हैं क्योंकि लंबी अवधि से सता मे कांग्रेस पार्टी का जनमानस से जनसम्पर्क टूट गया था और पांच सितारा होटल संस्कृति तक सिमट गयी थी। लेकिन राहूल गांधी ने कांग्रेस की खामियों को दूर करने और कार्यकर्ताओं को मनोवल बढाने के लिए कन्याकुमारी से काश्मीर तक का पैदल मार्च शुरू किया तो शुरुआती दौर में लग रहा था कि राहुल गांधी इतनी बड़ी यात्रा नहीं करेंगे . वह सब कार्यकर्ताओ पर छोड़ देगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ वे लगातार पैदल मार्च करने लगे उनके साथ कांग्रेस के बड़े बड़े नेता ही नहीं राजनीतिक, समाजिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणविद भी शामिल होकर हौसला बढाते नजर आये वही विपक्ष राहुल गांधी पर काफी हमलावर हो रहे थे कि कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा सफलता हासिल नहीं करेगी लेकिन राहुल गांधी ने सता के त्याग भावना को दिखाते हुए पाटी को मजबूत करने के लिए कन्याकुमारी से काश्मीर तक की लम्बी भारत जोड़ो यात्रा निकाली तो इसका जमकर समर्थन और विरोध का सामना करना पड़ा! यात्रा शुरू होते ही पूरे भारत की मीडिया एवं राजनेताओं में वहस छीड़ गयी।
यात्रा के दौरान गुजरात व हिमांचल प्रदेश के चुनाव को अलग थलग रखा गया राहुल गांधी ने इन दोनों प्रदेशों के विधानसभा चुनाव को इगनोर करते हुए अपने आपको लग रखा और उन प्रदेशों के नेतृत्व पर छोड़ दिया जिसका परिणाम निकला की पाटी ने जीतोड लग कर हिमाचल प्रदेश में भाजपा से छीन कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुए। राजनीतिक विश्लेषको एवं मीडियाकर्मी की उम्मीद थी कि भारत जोडो यात्रा को बीच में छोड़ कर राहुल गांधी चुनावी प्रचार करेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
इसपर राजनीतिक विश्लेषक सह शिक्षाविद रंजय कुमार का कहना है कि राहुल गांधी एक वार फिर त्याग कि भावना को पुष्ट करती है कि इस तरह के राजनीतिक उपयोग राजनीतिक फायदे के लिए होता है लेकिन कांग्रेस ने इसे दूरगामी लक्ष्य को देखते हुए राहुल गांधी को एक ऐसा राष्ट्र के जन मानस से एक नेता स्थापित करना चाहती है जो चुनाव की हार - जीत के प्रलोभन से दुर है। राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक, समाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाते हुए एक जुटटा की पुन स्थापना करने का प्रयास करती है।
वही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री डां हरखू झा ने कहा कि इस यात्रा से पूरे देश में नये राजनीतिक समीकरण बनते दिख रहा है इससे काफी लोग खुश ही नहीं राहुल गांधी की लोकप्रियता के साथ पाटी मजबूत हो रही जिससे लोगों की भाजपा से मोह भंग शुरू हो गया है इस यात्रा में कांग्रेसी नेताओ के साथ साथ भारी संख्या में समाजिक, सांस्कृतिक, वुद्बजीवी , एवं पर्यावरणविदों समर्थन करते दिख रहे हैं जिससे पूरे देश में राहुल गाँधी के प्रति लोकप्रियता बढ गयी है वे गुजरात एक हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के कुबान कर नयी छवि का निर्माण कर रहे हैं साथ ही कांग्रेस को संजीवनी मिल रही है।