-स्पाइन से जुड़ी समस्याओं को लेकर डॉ. महेश प्रसाद ने रखी अपनी राय
-आधुनिक तकनीक ने स्पाइन से जुड़ी समस्याओं का इलाज सटीक बनाया
-स्पाइन से जुड़ी समस्याओं को लेकर डॉ. महेश प्रसाद ने रखी अपनी राय
-आर्थिक रूप से कमजोर लोगों में ज्यादा देखी जा रही हैं रीढ़ की हड्डी की समस्या
पटना: स्पाइन से जुड़ी समस्याओं का इलाज आज के समय में बहुत दुर्लभ नहीं है। आधुनिक तकनीक और सुविधाओं की मदद से इन समस्याओं का इलाज अब ज्यादा सटीक और कारगर हो गया है। एमआरआई, माइक्रोस्कोप, इमेज इंटेंसिफायर की सुविधा के साथ हाई क्वालिटी के उपकरणों ने इलाज को बहुत ही प्रभावशाली बना दिया है।
रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं को लेकर आस्थालोक हॉस्पिटल में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में ये बातें पीएमसीएच में स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञ और आस्थालोक हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. महेश प्रसाद ने कहीं। डॉ. महेश प्रसाद को स्पाइन सर्जरी, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, ऑर्थोस्कोपी, सर्वाइकल स्पाइन, स्पाइनल ट्युबरकुलोसिस के इलाज में खास विशेषज्ञता हासिल है। वे स्पाइन से जुड़ी छह सौ सर्जरी सहित एक हजार से ज्यादा सर्जरी कर चुके हैं। इसमें 300 से अधिक सर्वाइकल सर्जरी शामिल है।
अपने अनुभव के आधार पर वे बताते हैं कि रीढ़ की हड्डी की ज्यादातर समस्याएं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों में देखने को मिल रही हैं। गरीब-मजदूर लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में भारी वजन उठाना या इस तरह के कई कामों की वजह से शरीर को नुकसान में डाल देते हैं। ऐसे में इनमें स्पाइन से जुड़ी समस्याएं ज्यादा देखी जाती हैं।
उन्होंने कहा कि आमलोगों में अभी भी ये भ्रम है कि स्पाइन सर्जरी के बाद लोग पहले की तरह ठीक नहीं हो पाते या अपंग हो जाते हैं। जबकि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। आज की तकनीक के उपयोग से स्पाइन सर्जरी को बेहत सामान्य ढंग से अंजाम दिया जा सकता है, बशर्ते कि आप किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सर्जरी कराएं। पटना में आस्थालोग हॉस्पिटल ने स्पाइन सर्जरी और स्पाइन से जुड़ी अन्य समस्याओं के इलाज में बहुत नाम कमाया है। इन समस्याओं के इलाज के लिए आस्थालोक हॉस्पिटल आज बिहार के लोगों का भरोसेमंद हॉस्पिटल बन चुका है। यहां स्पोर्ट्स इंजुरी, लिगामेंट में इंजुरी, घुटने में लचक, बार बार कंधा गिर जाना सहित अन्य कई समस्याओं का भी ऑर्थोस्कोपी से बेहतर इलाज हो रहा है।