ये बातें राष्ट्रीय विकास मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुन्दर सिंह पंचाल ने बिहार दैरे पर आए पत्रकारों से कही।
पटना: प्रखर समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय पुरौधा ही नहीं अग्रदूत थे। ये बातें राष्ट्रीय विकास मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पंचाल ने बिहार दैरे पर आए पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि वे हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और समाजिक न्याय की वास्तविक रूप में फलीभूत होते देखने के लिए प्रयत्नशील और चिंतित रहते थे. छात्र जीवन में ही समाजवादी नेता डॉक्टर लोहिया, मधुमेह लिमये, अचार्य नरेंद्र देव, एवं जयप्रकाश नारायण इत्यादी समाजवादी चिंतकों का सानिध्य प्राप्त होने लगा था वास्तविक रूप में सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम और क्रियान्वयन , संघर्षशील ता कठिन परिश्रम और सेवा भाव का इनाम उन्हें बिहार के विपक्ष के नेता से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक का गौरव प्राप्त हुआ।
दलित पिछड़ा एवं वंचित वर्ग की समस्याओं की गहरी जानकारी थी और उन समस्याओं से स्वयं जुड़ा हुआ पाते थे। समाज की बीमारी समझते थे वे जानते थे कि पिछड़ों दलितों के बच्चे एवं महिलाओं के शिक्षा का प्रचार प्रसार किए बगैर विकसित समाज और उन्नत राष्ट्र के निर्माण का सपना कभी पूरा नहीं होगा हो सकता। यह वह दौर था जब आजादी के बाद वंचित समुदाय की पहली शिक्षा से जोड़ने की कोशिश कर रही थी वंचित समुदाय के छात्रों की सबसे बड़ी समस्या अंग्रेजी की अनिवार्यता और फीस का भुगतान आडे आ रहा था। जिसे मजबूरन पढ़ाई करना पड़ता था।
कर्पूरी ठाकुर ने अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर पहली से दसवीं तक की पढ़ाई निशुल्क कर दी जिसे दलित पिछड़ा बच्चों में शिक्षा प्राप्त करने की ललक बढ़ी इस ऐतिहासिक निर्णय से बिहार में शिक्षा में कमजोर वर्ग के छात्रों की भागीदारी बढ़ी ऐसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कार्यों के अलावा बहुत से ऐसे उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य कपूरी ठाकुर के नेतृत्व में किया गया जिससे आज आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन हुआ और समाज में काफी बदलाव आया! इसके प्रचार प्रसार के लिए पूरे देश भ्रमण कर जागरूकता अभियान चला रहे हैं क्योंकि कपूरी ठाकुर के अनुयाई ने सत्ता पर काबिज होकर भूल गए हैं । उपस्थित लोगों में रामेश्वर ठाकुर, मुन्ना भारती, डी के चौधरी, केके शर्मा, राम चेतन शर्मा, केशव विश्वास, इत्यादि शामिल थे।